आगरा। अभी तक डिजिटल अरेस्ट की वजह से लोगों को ठगे जाने की खबरे आती थी, लेकिन गुरुवार को डिजिटल अरेस्ट की वजह से एक सहायक शिक्षिक की जान चली गई। दरअसल आगरा जिले में साइबर अपराधियों ने एक सहायक शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट में ले लिया और उसकी बेटी के सेक्स स्कैंडल में पकड़ी गई है की धमकी दी। और गिरफ्तारी से बचाने के लिए 15 मिनट में एक लाख रुपये ट्रांसफर करने का दबाव बना रहे थे। आरोपियों ने उसे चार घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा,और तरह— तरह से धमकी दे रहे थे। पुलिस अधिकारी बन काॅल कर उनसे कहा गया कि उनकी बेटी सेक्स स्कैंडल में पकड़ी गई है। उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। दूसरी तरफ से ‘मां मुझे बचा लो’ की आवाज आई तो सहायक शिक्षिका परेशान हो गईं। घर आने के बाद उनकी हालत बिगड़ी और मृत्यु हो गई।
ऐसे होता है डिजिटल अरेस्ट
साइबर अपराधी पीड़ित को वाॅयस या वीडियो काॅल करते हैं। व्हाट्सएप डीपी पर पुलिस अधिकारी की फर्जी फोटो लगाई जाती है। गलत जानकारी देकर गिरफ्तारी का डर दिखाकर कहीं जाने नहीं देते। काॅल फर्जी आईडी पर लिए गए नंबर से किया जाता है। कई बार इंटरनेट काॅलिंग की जाती है, जिससे लोकेशन नहीं मिलती। सेवानिवृत्त अफसर, कर्मचारी, वरिष्ठ नागरिक, व्यापारियों को निशाना अधिक बनाया जाता है।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि कमिश्नरेट आगरा में साइबर अपराध के बचाव के लिए समस्त थानों पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। साइबर क्राइम सेल व साइबर क्राइम थाना स्थापित है। किसी भी प्रकार के साइबर अपराध होने पर नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं। टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत करें।
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