नईदिल्ली। लोकसभा चुनाव में विपक्षी मजबूत एकता के बाद भी नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश की बागडौर संभालने में सफल हुए। चुनाव में मिली शिकस्त के बाद भी विपक्ष आसानी से हार नहीं मानने वाला है। बल्कि वह पूरे पांच साल मोदी के लिए अड़चने खड़ी करने से पीछे नहीं हटेगा। इंडिया गठबंधन तो वैसे संख्याबल के आधार पर मोदी का रास्ता नहीं रोक पाएगा, लेकिन हर बार वह एनडीए में फूट के आसार से लड़ाई में उतरेगा। दरअसल इंडिया गठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि किसी न किसी मुददे पर एनडीए में फूट जरूर होगी, जैसे ही यह मौका आएगा वैसे ही वह मोदी को चारों खाने चित्त करके सत्ता तक पहुंच जाएगी।
आसान नहीं है राह
अब ताजा मुदृदा लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को लेकर हैं। दरअसल इंडिया गठबंधन उपाध्यक्ष का पद चाहता है, जो एनडीए उसे देना नहीं चाहती, इसलिए गठबंधन नेताओं ने सर्वसम्मति से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अगर ऐसा होता है तो देश में 72 साल से चली आ रही परंपरा टूटने के कगार पर है। विपक्षी गठबंधन-इंडिया उपाध्यक्ष पद नहीं मिलने पर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है, जबकि भाजपा की अगुवाई वाला राजग इस मुद्दे पर विपक्ष से समझौते के मूड में नहीं है।
भाजपा ने तैयार की रणनीति
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनडीए में दोनों पदों के लिए आम सहमति है। अध्यक्ष पद उसे मिलेगा, जबकि उपाध्यक्ष पद सहयोगी दल को। सहयोगी दलों से बातचीत में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा अपने उम्मीदवार के नाम की जानकारी देगी, इसके अलावा उपाध्यक्ष पद जो संभवत: टीडीपी को जाएगा, इसकी सूचना भी दूसरे सहयोगियों को दे दी जाएगी।18वीं लोकसभा संसद के लिए मंगलवार का दिन अहम है। क्योंकि अध्यक्ष पद के लिए मंगलवार को 12 बजे तक नामांकन होना है। इसका अर्थ है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के उम्मीदवारों का इसी दिन नामांकन से पहले पता चलेग
आज ही यह भी तय हो जाएगा कि अध्यक्ष के लिए आम सहमति की परंपरा कायम रहेगी या टूट जाएगी।टीएमसी सूत्रों का कहना है कि उपाध्यक्ष पद नहीं मिला, तो विपक्षी गठबंधन अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार खड़ा करेंगे। सोमवार को गठबंधन के सभी दलों में इस पर सहमति बन गई है। विपक्ष अब भाजपा के जवाब की प्रतीक्षा कर रहा है। जवाब आने के बाद मंगलवार सुबह अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार का चयन कर लिया जाएगा।
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