लखनऊ। लोकसभा चुनाव में एनडीए को हराने के लिए सपा कांग्रेस समेत कई दलों ने हाथ मिलाया था, लेकिन अब छोटे कई दलों ने इस गठबंधन से दूरी बना ली, इस समय यूपी में इंडिया गठबंधन का मतलब केवल सपा और कांग्रेस ही रह गई। दरअसल सोमवार को कांग्रेस को होली मिलन समारोह में सपा ने दूरी बनाई है। जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर समारोह में शामिल होने की अपील की थी,इसके बाद भी सियासी जानकारों का कहना है कि होली मिलन समारोह दोनों दलों के नेताओं के लिए कार्यकर्ताओं को एकजुटता का संदेश देने का अवसर था, जिसमें वे चूक गए।
नहीं मिल रहे है दिल
सपा ने गठबंधन के तहत कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं। कांग्रेस 13 पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, जबकि प्रयागराज में सपा के पूर्व विधायक उज्जवल रमण सिंह पर दांव लगाने की तैयारी है। मथुरा में मुक्केबाज विजेंद्र सिंह का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। अमेठी-रायबरेली पर संशय बना हुआ है। इस बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय दो बार सपा कार्यालय जा चुके हैं। यहां हुई समन्वय समिति की बैठक में चुनाव की रणनीति तय की गई।कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पहल की कि सपा नेताओं को भी कांग्रेस प्रदेश कार्यालय आना चाहिए, ताकि दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच एकजुटता का संदेश जाए। संयोग से होली का मौका मिला। कांग्रेस ने सोमवार को होली मिलन समारोह आयोजित।
रोजा इफ्तार आज
मंगलवार को रोजा इफ्तार भी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखा। उन्होंने होली मिलन समारोह में शिरकत करने की गुजारिश की। उम्मीद थी कि दलों के मिलन के बाद सपा- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होली के बहाने गले मिलेंगे, लेकिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ही नहीं बल्कि उनके प्रतिनिधि के रूप में भी कोई वरिष्ठ नेता कांग्रेस कार्यालय नहीं पहुंचा। इससे कांग्रेस खेमे में मायूसी दिखी।कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि यह सही है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को बुलाया था। संभव है कि चुनाव की व्यस्तता की वजह से नहीं आ पाए। दूसरी तरफ सपा के मुख्य प्रवक्ता पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि उन्हें होली मिलन समारोह के बारे में जानकारी नहीं है।
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