वाराणसी। 2007 में बिजली चोरी के एक मामले में संध्या श्रीवास्तव की अदालत ने 94 साल के उद्योगपति Dinanath Jhunjhunwala को 17 साल बाद दोषी करार दिया है। अदालत ने उन पर 2.97 करोड़ 58 हजार 827 रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना न अदा करने पर उन्हें दो साल की जेल हो सकती है। अदालत ने कहा कि उद्यमी की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए सजा देना न्यायोचित नहीं है। नगरीय विद्युत वितरण खंड (षष्ठम) आशापुर के तत्कालीन अधिशासी अभियंता संकट हरण सिंह ने सारनाथ थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके अनुसार वह टीम के साथ 11 जून 2007 को आशापुर स्थित मेसर्स झुनझुनवाला ऑयल मिल के विद्युत कनेक्शन की जांच करने गए थे।
जांच के दौरान पाया गया कि उपभोक्ता को 200 केवीए का भार 11000 वोल्ट पर स्वीकृत है। उपभोक्ता ने बताया था कि 30 मई 2007 से पहले बिजली का उपयोग और मांग अत्यधिक कम थी। एमआरआई रिपोर्ट से बिजली चोरी का मामला सामने आया। पता चला कि चेारी से बिजली निगम को 99.19 लाख 609 रुपये की राजस्व की क्षति हुई है। अधिशासी अभियंता की तहरीर पर सारनाथ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत ने झुनझुनवाला ऑयल मिल के अधिष्ठाता उद्यमी दीनानाथ झुनझुनवाला को दोषी पाया और जुर्माना लगाया।
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