• सभी दलों और सांसदों को दिया जाएगा मांग पत्र
• बजट सत्र में उठे कुलियों की नौकरी का सवाल
लखनऊ, 5 मार्च 2025, रेलवे के आधुनिकीकरण और निजीकरण के कारण कुलियों पर आए आजीविका के जबरदस्त संकट के हल के लिए कुलियों को एक बार पुन: रेलवे में नौकरी देने के सवाल पर राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार अधिकार संवाद अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत सरकार, सभी दलों के अध्यक्ष व महासचिव और सांसद, विधायक से लेकर सभी जनप्रतिनिधियों व समाज सरोकारी नागरिकों को पत्र दिया जाएगा और उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वह बजट सत्र में कुलियों की जीवन सुरक्षा के सवाल को संसद में उठाएं। साथ ही सरकार को इस संदर्भ में पत्र भी भेजें। यह निर्णय राष्ट्रीय कुली मोर्चा की वर्चुअल बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मोर्चा के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर राम सुरेश यादव ने की और संचालन चंदेश्वर मुखिया ने किया।
बैठक में कहा गया कि आज एक्सीलेटर, बैटरी रिक्शा व लिफ्ट आदि के कारण कुलियों का काम उनसे छिन गया है। सरकार ने स्लीपर के डिब्बे कम करके एसी के डिब्बे बढा दिए हैं और तमाम सिटिंग अरेंजमेंट वाली नई निजी व अन्य ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है। इसके कारण यात्री लगेज में कमी आई है और इस भीषण महंगाई में कुली से हो रही कमाई से अपने परिवार की जीविका नहीं चल पा रहा है। बैठक में कहा गया कि कुलियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए उनके बच्चों को रेलवे स्कूलों में मुफ्त शिक्षा देने, उनके और उनके परिवार जनों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था करने, स्टेशनों पर कुलियों के लिए सुविधा संपन्न विश्राम गृह निर्मित करने और वर्दी आदि के आदेश हुए हैं। वह भी बहुतेरे स्टेशनों पर लागू नहीं किये जा रहे हैं। इसलिए सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के सभी राजनीतिक दलों से अपील की गई कि कुलियों की जिंदगी के सवालों पर वह संवेदनशील बने और मदद करें।
बैठक में मौजूद श्रमिक नेता दिनकर कपूर ने कहा कि देश में संसाधनों की कमी नहीं है। अगर 200 बड़े कॉर्पोरेट घरानों की संपत्ति पर समुचित टैक्स लगाया जाए और खाली अर्थव्यवस्था को रेगुलेट किया जाए तो इतने संसाधन हो सकते हैं कि कुली समेत आम आदमी की जीवन व सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है।
बैठक में दिनेश कुमार मुखिया न्यू जलपाईगुड़ी, धर्मवीर सिंह सिलीगुड़ी जंक्शन, गुड्डू कुमार कटिहार ,राजकुमार यादव वर्धमान, कन्हैया ग्वाला हावड़ा पश्चिम बंगाल,अमजद, चन्द्रू चालवाड़ी हुबली कर्नाटक,अरुण कुमार हाजीपुर, रामबाबू बिलाला भोपाल, राम महावार संत हृदयरामनगर, भुवन यादव जबलपुर, मूलचंद ग्वालियर, कलीम मकरानी झांसी, अनिल सांवले भुसावल, जितेंद्र डांगी उदयपुर सिटी, रमेश ठाकुर असम, रहमतुल्लाह सिकंदराबाद,राम जनम यादव कानपुर, राजकपूर देहरादून आदि लोगों ने अपनी बात रखी।