लखनऊ। यूपी सरकार ने आगरा में प्रस्तावित ग्रेटर आगरा आवासीय योजना के क्षेत्र विस्तार के लिए भूमि की कमी को दूर कर दिया है।औद्योगिक विकास क्षेत्र में आने वाली रहमन कलां और रायपुर की 442.4412 हेक्येटयर भूमि को इस योजना में शामिल किया जाएगा। वहीं इसके बदले उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को एडीए की ओर से अनुग्रह राशि के तौर पर 204.34 करोड़ रुपये दिए जाने का रास्ता भी साफ हो गया है। आवास विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से काफी दिनों से लटकी इस योजना को पूरा करने का रास्ता साफ हो गया है। प्रस्ताव के मुताबिक रहनकलां और रायपुर की 442.4412 हेक्टेयर भूमि लेने के लिए किसानों को 204.34 करोड़ रुपये अनुग्रह राशि दी जाएगी। यह खर्च आगरा विकास प्राधिकरण स्वयं उठाएगा।
इनर रिंग रोड का निर्माण
मुख्यमंत्री ने बताया कि आगरा विकास प्राधिकरण को इस योजना से करीब 2500 करोड़ रुपये कमाई होने का अनुमान है। आगरा विकास प्राधिकरण की 100 मीटर चौड़ी इनर रिंग रोड एवं भूमि पार्सल योजना के लिए ग्राम रहनकलां और रायपुर समेत 20 गांवों की 938.8975 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया गया। इसके लिए 14 सितंबर 2010 को अधिसूचना जारी की गई। ग्राम रहनकलां और रायपुर की कुल अर्जित भूमि में से 232.9511 हेक्टेयर भूमि यूपीएसआईडीसी को देने का फैसला किया गया। यूपीसीडा ने वर्ष 2014 में नई नियमावली के आधार पर प्रतिकर का भुगतान किया।
किसानों को होगा लाभ
नए भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 में दी गई व्यवस्था के आधार पर आगरा विकास प्राधिकरण को रहनकलां और रायपुर की भूमि लेने में बाधा आ रही है। किसानों को बढ़ाकर हुआ प्रतिकर देने के लिए जनप्रतिनिधियों ने भी मांग की। इसके लिए अपर जिलाधिकारी (वि/रा) आगरा की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया। समिति ने सुझाव दिया है कि बढ़ी हुई दर पर भूमि लेने से विकास प्राधिकरण को नुकसान नहीं होगा।
आगरा विकास प्राधिकरण ने चूंकि वर्ष 2010 में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की थी, उस पर अर्जन की नई नीति नहीं आई थी। इसीलिए नई दर से किसानों को प्रतिकर देने में बाधा आ रही थी। इसीलिए आगरा विकास प्राधिकरण ने बोर्ड में बैठक में फैसला किया कि बढ़ी हुई राशि को अनुग्रह राशि के रूप में देकर इसे ले लिया जाए। आगरा विकास प्राधिकरण के अनुरोध पर आवास विभाग ने कैबिनेट से प्रस्ताव से मंजूरी कराते हुए इस भूमि को अनुग्रह राशि पर लेने की मंजूरी दे दी है।
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