संभल। यूपी का संभल जिला कभी मिश्रित आबादी वाला जिला था, जहां दोनों समुदाय सुख— शांति से रहते थे, लेकिन देश में वोट की राजनीति करने वालों ने लगातार संभल की शांति को दंगों की आग में झुलसाया। अगर रिकॉर्ड पर नजर डाले तो आजादी के बाद संभल 16 बार दंगों की आग में झुलस चुका है। 1978 के दंगे में संभल कई दिन झुलसा था। हिन्दुओं का बड़ी संख्या में कत्ल किया गया था। परिणाम स्वरूप कई क्षेत्र पलायन के कारण हिंदू विहीन हो गया।
मुस्लिमों ने हिंदुओं की जमीनों पर कब्जा कर लिया। अब योगी सरकर संभल को दंगों में झुलसाने वाले दंगाईयों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के मूड में है। सोमवार को विधानसभा में दिए मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बाद अधिकारी 46 साल पहले हुए दंगे की फाइल खोलने की तैयारी में है। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने संभल जिले के अधिकारियों से दंगे से जुड़ी फाइलें मांगी हैं। मामले में अब तक की प्रगति रिपोर्ट भी तलब की गई है।
209 हिंदुओं की हुई थी हत्या
मुख्यमंत्री कहा कि 1947 से लेकर अभी तक संभल में 209 हिंदुओं की जान दंगों के चलते गई है। संभल में 29 मार्च 1978 को दंगे के दौरान आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इस घटना में कई हिंदू मारे गए। भय के चलते 40 हिंदू परिवारों को घर छोड़कर भागना पड़ा। पलायन के गवाह अभी मौजूद हैं। मंदिर में कोई पूजा करने वाला बचा नहीं था। घटना के 46 साल बाद अभी तक किसी को सजा तक नहीं मिली। प्रशासन और स्थानीय लोगों की सक्रियता से 46 साल से बंद मंदिर के पट खुले।
संभल में दो महीने लगा था कर्फ्यू
संभल में वर्ष 1978 का दंगा 29 मार्च को हुआ था। इस दंगे में शहर जल उठा था। हालात को संभालने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था। फिर भी शहर में दोनों समुदायों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। ऐसी स्थिति में कर्फ्यू का अंतराल बढ़ता गया। संभल में दो महीने तक तक कर्फ्यू लगा रहा।
चार और प्राचीन कुएं मिले
सोमवार को शहर के अलग-अलग इलाकों में चार प्राचीन कुएं और मिले हैं। लोगों ने अतिक्रमण कर कुओं का पाट दिया था। पालिका ने कुओं से अतिक्रमण हटवाकर संवारने का काम शुरू कर दिया है। फिलहाल खोदाई कराई जा रही है, ताकि कुओं को पुराने स्वरूप में लौटाया जा सके
इसे भी पढ़ें….