कार्तिक पूर्णिमा: गंगा समेत प्रमुख नदियों के घाटों पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

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Kartik Purnima: Crores of devotees take a dip of faith on the ghats of major rivers including Ganga.
श्रद्धालु गुरुवार शाम को ही घाटों पर पहुंच गए तो कुछ शुक्रवार अलसुबह पहुंचकर स्नान किया।

प्रयागराज। कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार शुक्रवार को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर श्रद्धालु गंगा, यमुना समेत ​विभिन्न नदियों के घाटों पर पहुंचकर आस्था की डुबकी की लगाई। स्नान के लिए बहुत से श्रद्धालु गुरुवार शाम को ही घाटों पर पहुंच गए तो कुछ शुक्रवार अलसुबह पहुंचकर स्नान किया। कई स्थानों पर इस मौके पर भव्य मेले का आयोजन होता है, जो कई दिन पहले से ही सजकर तैयार हो चुके है।

कार्तिक पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त 15 नवंबर की सुबह 4:37 बजे से शुरू होकर 16 नवंबर की सुबह 2:29 बजे तक रहेगी। अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा मेला चौदहकोसी परिक्रमा मेले के साथ चल रहा है। मेले के प्रमुख दो पर्व चौदहकोसी व पंचकोसी परिक्रमा सकुशल संपन्न हो गई है। मेले का अंतिम पर्व पूर्णिमा स्नान शुक्रवार को अलसुबह से शुरू हुआ।इस मौके पर विभिन्न स्थलों पर चल रही श्रीरामचरित मानस व श्रीमद्भागवत की कथाओं में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।

 स्नान के बाद किया दान

कार्तिक पूर्णिमा को पुराणों में स्नान, व्रत व दान की दृष्टि से मोक्ष देने वाला बताया गया है। भगवान विष्णु का पहला अवतार इसी दिन हुआ था। इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर असुर का संहार किया था। इसी तरह सिख धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन गुरु नानक देव का जन्म हुआ था। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान व दीपदान का महत्व है। इसलिए श्रद्धालु स्नान के बाद ब्राहृमणों और गरीब वर्ग को दान देते नजर आए, इसके अलावा जगह— जगह भंडारे का भी आयोजन किया गया है।

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