गाजीपुर। आरपीएफ के दो सिपाहियों की हत्या का मुख्य आरोपी मो. जाहिद उर्फ सोनू (26) सोमवार रात पुलिस की गोली का शिकार हो गया। मो. जाहिद यूपी से शराब ले जाकर विहार में तस्करी करता था। उसने गैंग बना रखा था। घटना वाली रात उसने अपने साथियों के साथ मिलकर आरपीएफ के दोनों सिपाहियों की चोर-चोर कहते हुए बेल्ट से पिटाई कर दी थी, फिर उनके कपड़े उतरवा लिए थे। इसके बाद चलती ट्रेन से पैर से धक्का देकर नीचे फेंक दिया था, जिसमें दोनों सिपाहियों की मौत हो गई थी। बता दें कि 19 अगस्त 2024 को घटना वाली रात शराब तस्कर अलग-अलग ग्रुप में बाडमेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस में चढ़े थे। इनमें मो. जाहिद भी था, जो घटना वाले दिन शराब लेने के लिए अलीनगर मुगलसराय चंदौली गया था, जहां से वह तस्करी के लिए ठेके से शराब लेता था।
चलती ट्रेन से उनको बाहर फेंक दिया
शराब लेने के बाद वह अपने साथियों के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचा। ट्रेन चलने के कुछ समय बाद गैंग ने चेन पुलिंग कर दी। इस पर आरपीएफ के आरक्षी जावेद खान और प्रमोद कुमार मौके पर पहुंच गए।चेन पुलिंग एवं शराब तस्करी का विरोध करने लगे। गिरफ्तारी के डर से गैंग के बदमाशों ने चोर-चोर करते हुए दोनों आरक्षियों की बेल्ट से पिटाई कर दी, उनके कपड़े उतरवा लिए और फिर चलती ट्रेन से उनको बाहर फेंक दिया।डॉ. ईरज राजा ने बताया कि गैंग के और सक्रिय बदमाश हैं, जो ट्रेन से शराब तस्करी कर रहे हैं। इन पर नजर रखी जा रही है। जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी।
चुनिंदा ट्रेनों से करते थे सफर
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मो. जाहिद चुनिंदा ट्रेनों से झोले और बैग में शराब भरकर यूपी से बिहार ले जाता था। उसने रेलवे के कुछ कर्मचारियों से साठगांठ कर रखी थी। कुछ सुरक्षा कर्मी, टीईटी से लेकर पैंट्रीकार में रहने वाले कर्मचारी भी शामिल हैं, जो जांच में सामने आ रहे हैं। आरोपी लोकेशन लेने के बाद उन ट्रेनों में ही ज्यादा जाते हैं, जो मुगलसराय से सीधे पटना जाती हैं। एक तस्कर अपने पास अधिकतम नौ- दस लीटर शराब रखते थे।इस हत्याकांड में कुल 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इनमें आठ नामजद किए गए। पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक लाख का इनामी और मामले का मुख्य आरोपी मोहम्मद जाहिद फरार था। एक और नामजद आरोपी की तलाश की जा रही है
सपा सांसद बोले, कराएंगे जांच
यूपी में पुलिस एनकाउंटर लेकर सपा सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि किसी भी कौम के व्यक्ति को अगर गलत तरीके से उठाकर गोली मारकर मुठभेड़ दिखाकर कहानी बनाया जाए तो ये शुद्ध हत्या का आरोप है। पुलिस को कानून में किसी का इस तरीके से एनकाउंटर करने का अधिकार नहीं है।मैं इसकी निंदा करता हूं। जब कभी सत्ता परिवर्तन होगा तो हमसब का प्रयास होगा कि ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई होगी, जैसा कि हत्या करने वाले के खिलाफ होती है।
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