मेरठ में एक साथ उठे दस जनाजे, यह दर्दनाक मंजर देखकर पूरा शहर रोया, कई गश खाकर गिरे

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Ten funeral processions took place simultaneously in Meerut, seeing this painful scene the whole city cried, many fainted and fell down.
जाकिर कॉलोनी में शनिवार शाम साढ़े चार बजे तीन मंजिला मकान गिरने से परिवार के दस लोगों की मौत हो गई।

मेरठ । यूपी के मेरठ जिले की जाकिर कॉलोनी में उस समय हर तरफ से रोने और चीखने की आवाज आने लगे जब कांपते हाथों से लोगों ने एक साथ एक ही परिवार के दस जनाजे को कंधा देने के लिए उठे। मानों पूरी गली में आंसू के सैलाब आ गए, कई महिलाएं तो गश खाकर जमीन पर पड़ गई। रोते विलखते लोगों ने उन लोगों को आखिरी विदाई दी, जो जर्जर भवन गिरने की वजह से मौत के आगोश में समा गए थे।

बता दें कि जाकिर कॉलोनी में शनिवार शाम साढ़े चार बजे तीन मंजिला मकान गिरने से परिवार के दस लोगों की मौत हो गई। परिजनों को सांत्वना देने के लिए रविवार सुबह से ही लोग आने शुरू हो गए थे। आम लोगों के साथ राजनीतिक और सामाजिक लोग भी जाकिर कॉलोनी पहुंचे। शोकाकुल परिजनों को ढांढस बंधाया। पुलिस ने कॉलोनी के भीतर वाहनों को जाने से रोक दिया। सभी लोग हापुड़ रोड पर ही वाहन खड़े कर पीड़ितों के घर पहुंचे। सुबह 11 बजे मेडिकल कॉलेज में शवों का पोस्टमार्टम शुरू हुआ। इसके बाद शव जाकिर कॉलोनी पहुंचने शुरू हुए।

जनाजे में उमड़ा सैलाब

जनाजे में उमड़ी भीड़ को देख प्रशासन ने यातायात व्यवस्था में बदलाव किया। हापुड़ रोड पर पुराना कमेला चौराहे के पास से नाले के किनारे से शास्त्रीनगर और किदवई नगर व अहमद नगर की ओर से नाले के ही रास्ते भूमिया पुल की ओर यातायात डायवर्ट किया गया। हापुड़ व बिजली बंबा बाईपास की ओर से आने वाले यातायात को शास्त्रीनगर पीवीएस की ओर डायवर्ट कर दिया गया। इसके बाद एक के बाद एक जनाजा निकला तो कांधा देने के लिए सड़क के दोनों ओर सैलाब उमड़ पड़ा।

मदीना मस्जिद के पास और अब्दुल्ला रेजीडेंसी के सामने से जनाजों को ले जाने के लिए हर ओर गमगीन माहौल हो गया। डिवाइडर पर भी तमाम लोगों की भीड़ रही। जब जनाजे इस्लामाबाद ताला फैक्टरी के पास कब्रिस्तान ले जाया जाने लगा। तो एहतियात के तौर पर पुलिस ने यातायात रोक दिया था।

परिजनों को चार- चार लाख का मुआवजा

जाकिर कॉलोनी में शनिवार शाम गिरे मकान में मरने वालों की संख्या रविवार सुबह दस पहुंच गई। छह शव शनिवार को निकाले गए थे, जबकि रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद चार शव रविवार सुबह निकाले गए। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और मकान क्षतिग्रस्त होने के कारण 1.20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। मृत पशुओं के लिए भी शासन से मुआवजा दिलाया जाएगा।एक ही परिवार के 10 लोगों की मौत से जाकिर कॉलोनी में कोहराम मचा रहा।

यह हुए हादसे का शिकार

बारिश के चलते शनिवार शाम करीब साढ़े चार बजे जाकिर कॉलोनी में नफ्फो उर्फ नफीसा (65) पत्नी अलाउद्दीन का तीन मंजिला मकान गिर गया था। मलबे में मकान के प्रथम और द्वितीय तल पर मौजूद नफ्फो और उसका पुत्र साजिद (36), साजिद की पुत्री सानिया (15) और पुत्री रिजा (10) व पुत्र साकिब (12) दब गए।साजिद के भाई नईम की पत्नी अलीशा (25), अलीशा की छह माह की पुत्री रिमशा उर्फ हिमसा, दूसरे भाई नदीम की पत्नी फरहाना (27), तीसरे भाई आबिद की पुत्री आलिया (8), पड़ोसी रिश्तेदार सरफराज की पुत्री समरीन (4) समेत 15 लोग दब गए थे। रविवार को अलीशा, रिमशा, आलिया और फरहाना के शव मलबे से निकाले गए। नफ्फो के तीन पुत्रों शाकिब, नदीम और नईम को शनिवार को ही सुरक्षित निकाल लिया गया था।

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