नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत के बाद बाहर आए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफे का एलान कर दिया है। रविवार को आप दफ्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि मैं आज से दो दिन के बाद सीएम पद से इस्तीफा दूंगा। मैं तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती कि केजरीवाल ईमानदार है। दिल्ली की जनता के आदेश के बाद ही मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा।
बैठक में होगा सीएम के नाम का फैसला
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।’ उन्होंने कहा कि मैं और मनीष सिसोदिया जनता के बीच जाएंगे। दिल्ली विधानसभा भंग नहीं होगी। मेरी जगह कोई और सीएम होगा। अगला सीएम चुनने के लिए विधायक दल की बैठक होगी। इसमें सीएम पर फैसला लिया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘इन्होंने(भाजपा) एक और नया फॉर्मूला बनाया है जहां जहां ये चुनाव हारे वहां-वहां के मुख्यमंत्री पर फर्जी केस करके गिरफ्तार कर लो और उसकी सरकार गिरा दो। इन्होंने सिद्धारमैया, पिनाराई विजयन, ममता दीदी पर केस कर रखें हैं। ये एक विपक्ष के मुख्यमंत्री को नहीं छोड़ते सभी पर फर्जी केस करके जेल में डालते हैं और सरकार गिरा देते हैं।’
इन नामों पर हो रही चर्चा
आतिशी का नाम इस लिस्ट में सबसे आगे है। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी कालकाजी सीट से विधायक हैं। आतिशी दिल्ली सरकार में शिक्षा, उच्च शिक्षा, टीटीई, वित्त, योजना, पीडब्ल्यूडी, जल, बिजली, सेवाएं, सतर्कता, जनसंपर्क मंत्री हैं। सीएम केजरीवाल ने अपने इस्तीफे के एलान से पहले भी आतिशी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैंने जेल से एलजी के पत्र लिखा था कि स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराएंगी। लेकिन वो चिट्ठी वापस कर दी गई और साथ में यह भी कहा गया कि कि अगर फिर से चिट्ठी लिखी तो परिवार से मुलाकात बंद हो जाएगी। वहीं, आतिशी के साथ-साथ सौरभ भारद्वाज नाम भी सामने आ रहा है। वे दिल्ली की ग्रेटर कैलाश सीट से विधायक हैं। सौरभ दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, शहरी विकास और पर्यटन मंत्री हैं। सौरभ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।
भाजपा ने राजनीतिक नौटंकी बताा
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, ‘यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है। वह समझ गए हैं कि दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि कैसी है एक ईमानदार नेता की नहीं बल्कि एक भ्रष्ट नेता की। आज पूरे देश में आम आदमी पार्टी एक भ्रष्ट पार्टी के रूप में जानी जाती है, अपने पीआर स्टंट के तहत वह अपनी छवि को बहाल करना चाहते हैं। इससे साफ है कि वह सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं। जहां उन्होंने मनमोहन सिंह को डमी प्रधानमंत्री बनाया और पर्दे के पीछे से सरकार चलाई। उन्हें आज समझ आ गया है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव हार रही है और दिल्ली की जनता उनके नाम पर वोट नहीं दे सकती, इसलिए वे किसी और को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं।’
इसे भी पढ़ें…