यूपी पुलिस और प्रशासन ने तकनीति का इस्तेमाल करके ​सिपाही भर्ती परीक्षा को सफलता पूर्वक कराया

लखनऊ। यूपी की कई प्रतियोगी परीक्षा में नकल माफिया ने सेंधमारी करके सरकार की काफी किरकिरी कराई थी। उन गलतियों से सबक लेते हुए यूपी पुलिस और प्रशासन ने फुल प्रुफ प्लान बनाकर तकनीकि का इस्तेमाल करते हुए नकल माफिया और फर्जी परीक्षार्थियों के मनसूबों पर पानी फेर दिया। प्रदेश के 67 जिलों के 1174 परीक्षा केंद्रों पर 5 दिन तक हुई इस परीक्षा में 32 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। इस दौरान अभ्यर्थियों की सुविधा के अभूतपूर्व इंतजामों के साथ परीक्षा की पारदर्शिता और शुचिता का भी पूरा ध्यान रखा गया। परीक्षा को सरकारी अथवा सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों पर संपन्न कराया गया।

सख्त कानून ने भी तोड़े हौंसले

प्रदेश सरकार ने पिछली प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले सामने के बाद ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इससे संबंधित कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाई थी। जिसे विधानसभा में पारित कर कानून का रूप दिया गया था। इस कानून में परीक्षा में सेंधमारी करने वालों के खिलाफ सजा के प्रावधान को और सख्त कर दिया गया था। इस बार के परीक्षा में इस कानून का असर भी दिखा। इसके अलावा यूपी पुलिस ने व्हाट्सएप से लेकर सोशल मीडिया तक पैनी नजर रखी। खुफिया एजेंसियों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया।

हर काम के लिए अलग वेंडर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नए नियमों के मुताबिक भर्ती बोर्ड ने परीक्षा संबंधी हर कार्य के लिए अलग वेंडर चयनित किया। एजेंसी ‘ए’ को प्रश्न पत्रों को तैयार कराने, छपवाने, जिलों के कोषागार तक भेजने, एजेंसी ‘बी’ परीक्षा संपन्न कराने, प्रश्न पत्रों को कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की समस्त व्यवस्था तथा परीक्षा समाप्ति के बाद ओएमआर शीट को बोर्ड तक पहुंचाने, एजेंसी ‘सी’ को परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा का कार्य जैसे सिक्योरिटी, फ्रिस्किंग, बायोमेट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी कंट्रोल रूम की स्थापना का कार्य करने तथा एजेंसी ‘डी’ को बोर्ड परिसर में ओएमआर शीट की स्कैनिंग कराकर परीक्षा का स्कोर बोर्ड का उपलब्ध कराने का कार्य सौंपा गया है।

30 फीसदी अभ्यर्थी रहे अनुपस्थित

सिपाही भर्ती परीक्षा का आयोजन 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को हुआ, जिनमें पेपर लीक की आशंकाओं को धता बताते हुए पूरी शुचिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न कराया गया। इस दौरान करीब 30 फीसदी अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। बोर्ड ने पेपर लीक से बचने के लिए इस बार तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर चयन के लिए आयोजित लिखित परीक्षा के निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने की सभी अभ्यर्थियों और आयोजकों को हार्दिक बधाई दी।

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