लखनऊ। बढ़ती रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है। अब गैंगमैन और ट्रैकमैन की तरह ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)रोबोट रेल पटरियों की निगरानी करेंगे। छोटी सी छोटी ट्रैक, पटरियों या सिग्नल में खराबी को तुरंत पकड़कर सूचित करेंगे जिसें तत्काल ठीक किया जा सकेगा। दरअसल कई बार बहुत छोटी टूट— फूट मानवीय नजरों की पकड़ में नहीं आती है और ट्रेनों को हादसों का शिकर होना पड़ता है, लेकिन इस तकनीकि उपयोग से इस तरह की गलतियों पर ब्रेक लगेगा।
रेलवे प्रशासन ने पिछले कुछ महीनों में हुए हादसों से सबक लेते हुए यह महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इसे लेकर रेलवे बोर्ड से बातचीत चल रही है। उम्मीद है कि अगले एक से डेढ़ महीने में इस पर काम शुरू हो जाएगा। गोंडा में हाल ही में हुए रेल हादसे के बाद कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) ने जांच पूरी की है। जांच में इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही सामने आई है। इसके बाद विभाग ऐसी तकनीक का उपयोग करने की तैयारी की है, जिससे सुरक्षा को पुख्ता किया जा सके।
गैंगमैन व इलेक्ट्रिशियन बनेगा एआई
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन कई बार मानवीय भूल के चलते हादसे की शिकार हो जाती है। पेट्रोलिंग में लापरवाही से भी हादसे होते हैं। ऐसे में एआई आधारित रोबोट ट्रैक मेंटेनेंस के साथ गैंगमैन व इलेक्ट्रिशियन आदि का काम भी संभालेंगे। कहीं भी रेल फ्रैक्चर, सिग्नल, इंजन और ओवरहेड एक्विपमेंट (ओएचई) में दिक्कतें होने पर एआई रोबोट उन्हें दूर करेंगे।इंजीनियरों ने बताया कि एआई आधारित रोबोटों में मंडल से जुड़ी तमाम जानकारियों को अपलोड किया जाएगा। इसमें ट्रेनों, बोगियों, इंजनों की संख्या, उनकी दशा, ट्रैक किलोमीटर, ब्लॉक सेक्शन, टाइमटेबल, मेंटेनेंस आदि से जुड़े तमाम डाटा फीड किए जाएंगे। इसके बाद उन्हें अफसर आदेशित कर मेंटेनेंस करवाएंगे।
इस दौरान दिक्कतें होने पर एआई रोबोट तत्काल अधिकारियों को अलर्ट भी भेजेंगे।इसके साथ ही रेल ट्रैक, पटरियों, पैनलों, फिशिंग प्लेटों आदि की उम्र जांचने के लिए वर्तमान में रेलवे प्रशासन अल्ट्रासोनिक प्रणाली इस्तेमाल करता है, लेकिन एआई इंजीनियर इनकी उम्र पूरी होने से पहले ही जानकारी दे देगा।
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