लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने राजनीति से रिटायर होने की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि रिटायरमेंट का सवाल ही नहीं है। मैं अंतिम सांस तक बहुजन मिशन के लिए काम करती रहूंगी। उन्होंने कहा कि मेरे रिटायरमेंट की खबरें जातिवादी मीडिया के जरिए फैलाई जा रही हैं।उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें डॉ. अंबेडकर और कांशीराम के प्रारंभ किए गए बहुजन आंदोलन को कमजोर करने के लिए साजिश के तहत फैलाई जाती हैं।
1. बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल।
— Mayawati (@Mayawati) August 26, 2024
मेरी अनुपस्थिति या खराब स्वास्थ्य होने पर जिम्मेदारियों के लिए आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया गया है। अत: इस तरह की खबरों को लेकर सावधान रहें। मायावती ने कहा कि इसके पहले भी मेरे राष्ट्रपति बनने की अफवाहें उड़ाई गई थीं। कांशीराम जी को भी इस तरह का ऑफर दिया गया था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था तो उनके शिष्य के इस तरह के ऑफर स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता है।
कांग्रेस पर उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि गेस्ट हाउस कांड में कांग्रेस की नीयत खराब हो गई थी। वह प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रच रही थी। तब बीमारी की हालत में कांशीराम ने हास्पिटल छोड़कर इनके गृह मंत्री को हड़काया और विपक्ष ने संसद को घेर लिया, तब कांग्रेस सरकार हरकत में आई थी।बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में कहा कि सपा ने 2 जून 1995 में बसपा द्वारा समर्थन वापस लेने पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था। इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? उस दौरान केंद्र में रही कांग्रेस सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था।
2.अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जबसे पार्टी ने श्री आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें।
— Mayawati (@Mayawati) August 26, 2024
दरअसल, उस समय केंद्र की कांग्रेस सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी। जो कुछ भी अनहोनी के बाद यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी। उसका यह षड्यंत्र बसपा ने फेल कर दिया था। उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से भाजपा सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इन्सानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया, इसकी कांग्रेस को बीच-बीच मे तकलीफ होती रहती है। लिहाजा बसपा समर्थक कांग्रेस से सचेत रहें।
नहीं कराई जातीय जनगणना
मायावती ने कहा कि बसपा वर्षों से जातीय जनगणना के लिए केंद्र में कांग्रेस और भाजपा पर पूरा दबाव बनाती रही है। बसपा वर्षों से इसकी पक्षधर रही है। लेकिन जातीय जनगणना के बाद, क्या कांग्रेस एससी-एसटी व ओबीसी वर्गों का वाजिब हक दिला पायेगी। कांग्रेस एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए है, उसका जवाब दे।बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में होगी, जिसमें मायावती को फिर पार्टी की कमान सौंपी जाएगी। साथ ही, राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा।
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