एस यू सी आई (कम्युनिस्ट) पार्टी के संस्थापक काॅमरेड शिवदास घोष की स्मृति दिवस पर जन सभा

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SUCI C द्वारा आयोजित जनसभा में मंचासीन पदाधिकारी

11 अगस्त 2024, बदलापुर जौनपुर। आजादी आंदोलन के गैर समझौतावादी धारा के अद्वितीय क्रांतिकारी, सर्वहारा वर्ग के महान नेता, शिक्षक, पथ-प्रदर्शक, श्रेष्ठ मार्क्सवादी दार्शनिक व एस यू सी आई (कम्युनिस्ट) पार्टी के संस्थापक महासचिव काॅमरेड शिवदास घोष की 48वीं स्मृति दिवस के अवसर पर जन सभा का आयोजन 11 अगस्त 2024 को सल्तनत बहादुर इण्टर काॅलेज बदलापुर, जौनपुर के सभागार में किया गया। जिसमें जौनपुर, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, इलाहाबाद, कौशाम्बी, बनारस, चंदौली, बलिया, मऊ, गाजीपुर इत्यादि जिलों से सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता व समर्थक शामिल हुए।


कार्यक्रम की शुरुआत काॅमरेड शिवदास घोष की तस्वीर पर माल्यार्पण व उन पर रचित गीत गायन के साथ की गई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता – काॅमरेड सपन चटर्जी [केंद्रीय कमेटी सदस्य, SUCI(C)] ने कहा- भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में गैर समझौतावादी धारा के क्रांतिकारियों में से एक काॅमरेड शिवदास घोष ने 13 वर्ष की अवस्था से ही अपना जीवन अंग्रेजी हुकूमत से अपने देश को आजाद कराने के लिए समर्पित कर दिया था। इतनी छोटी सी उम्र में ही देश में आम जनता की दुर्दशा को देखकर उन्होंने यह समझ लिया था कि बगैर देश को आजाद कराये समाज की प्रगति संभव नहीं है। इस समझदारी के साथ वे बंगाल के क्रांतिकारी संगठन “अनुशीलन समिति” में जुड़कर सक्रिय भूमिका निभाते हुए आजादी आंदोलन में कूद पड़े। निरंतर क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय रहते हुए 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वे गिरफ्तार कर लिए गए। जेल में रहते हुए आजादी मिलने के अंतिम कुछ वर्षों के समय देश में एक सही क्रान्तिकारी पार्टी न होने की वजह से उन्होंने गहरी पीड़ा के साथ यह अनुभव किया कि देश की आजादी के लिए लड़ते हुए शहीद होने वाले अनगिनत भारतवासियों की कुर्बानी व्यर्थ होने जा रही है। देश में विदेशी पूंजीपतियों की जगह भारतीय पूंजीपतियों का राज्य कायम होने जा रहा है, और परिणामस्वरूप आम जनता का शोषण बदस्तूर जारी रहेगा। जिससे आम गरीब किसान मजदूर और भी गरीब होंगे और पूंजीपति वर्ग और भी ज्यादा अमीर होता जाएगा। इसीलिए उन्होंने हर तरह के शोषण से आम जनता की मुक्ति के लिए मेहनतकश वर्ग की सच्ची क्रांतिकारी पार्टी एस.यू.सी.आई (कम्युनिस्ट) की स्थापना किया। ताकि, जनता को संगठित कर हर तरह के अन्याय शोषण व जुल्म के खिलाफ निरंतर जन आंदोलन संगठित करते हुए शोषक पूंजीपति वर्ग को सत्ता से बेदखल कर पूंजीवाद विरोधी समाजवादी क्रांति संपन्न करते हुए किसानों-मजदूरों का राज्य कायम कर सके। इसी दिशा में, काॅमरेड शिवदास घोष अथक परिश्रम करते हुए 53 वर्ष की अवस्था में ही 5 अगस्त 1976 को हम सबको छोड़कर चले गये और हमें संदेश दे गये- “क्रांतिकारी राजनीति उच्च स्तर की हृदयवृत्ति है।”, “जनता के बीच जाओ, सीखो और उनके लिए लड़ो।”
जन सभा की अध्यक्षता- काॅमरेड जगन्नाथ वर्मा व संचालन- काॅमरेड रविशंकर मौर्य ने किया। काॅमरेड बेचन अली, काॅमरेड शैलेंद्र कुमार, काॅमरेड मिथिलेश कुमार मौर्य, राजवेन्द्र सिंह आदि ने सम्बोधित किए। कार्यक्रम का समापन अन्तर्राष्ट्रीय गीत से किया गया।
इस अवसर पर हीरालाल गुप्त, अशोक कुमार खरवार, हरिशंकर मौर्य, रामकुमार यादव, विजयानंद तिवारी, जयप्रकाश मौर्य, मकरध्वज चौहान, दिलीप कुमार, कमलेश सिंह आदि मौजूद रहे।

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