बदायूंं। यूपी के बदायूं जिले मे हत्या के मामले में एक ही परिवार के 14 लोगों को उम्रकैद की सजा मिली। दरअसल इस परिवार के लोगों ने 17 साल पहले एक युवक की कुल्हाड़ी से कहाटकर हत्या कर दी थी। उस मृतक के परिवार के सदस्य 17 साल से न्याय के लिए जंग लड़ रहे थे। जज ने जब आरोपियों को सजा सुनाई तो मृतका की पत्नी ने कहा अब जाकर कलेजे को ठंडक मिली। भगवान के घर में देर है, लेकिन अंधेर नहीं है, हमें 17 साल बाद न्याय मिला।
कुल्हाड़ी से काट डाला था
यह मामला बदायूं के जरीफनगर के गांव खरखोल का मामला है। यहां 2007 में राधेश्याम की हत्या कर दी गई थी। पान सिंह के पिता हरपाल सिंह ने रिपोर्ट लिखाई थी कि राधेश्याम की हत्या के आठ दिन बाद ही 15 फरवरी की सुबह आठ बजे उसके परिजनों ने फरसा व अन्य असलहों के साथ उनके यहां हमला बोल दिया। फायरिंग करते हुए घरों में रखा सामान, बच्चों के जेवर, कपड़ा आदि सामान लूट लिया। जाते समय इन लोगों ने बेटे पान सिंह को घर से खींच लिया और मंदिर के पास कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया।
दो की हो चुकी मौत
हत्या व डकैती की धाराओं में दर्ज रिपोर्ट में हरपाल की ओर से 12 लोगों को नामजद किया गया था। पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल करते समय चार और नाम शामिल किए। इन कुल 16 आरोपियों में से दो की मौत हो गई। अदालत में सुनवाई के बाद 23 जुलाई को विशेष न्यायाधीश रेखा शर्मा ने राधेश्याम के सगे भाई उरमान समेत 14 लोगों को दोषी करार दिया था। ये सभी जमानत पर थे। बृहस्पतिवार को इन सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी को जेल भेज दिया गया।
इन्हें हुई उम्रकैद
सजा पाने वालों में राधेश्याम का सगा भाई उरमान, धर्म सिंह व चाचा भरोसे, चचेरा भाई अतर सिंह तथा परिवार से जुड़े राम सिंह पुत्र कोमिल, नरेश पुत्र रामचंद्र, भगवान सिंह पुत्र करन सिंह, विनीत पुत्र राम सिंह, प्रेम सिंह पुत्र बेनी हैं। इनके साथ रहे मझोला के वीरपाल पुत्र बालकिशन, वंशीपुर गांव बलवीर पुत्र रोहन, गोबरा निवासी टीटू पुत्र नक्षत्र पाल, बहजोई थाना क्षेत्र के गांव कैलमुंडी निवासी धर्मवीर पुत्र अजय पाल व एक अन्य श्रीपाल शामिल हैं। मुकदमा के विचारण के दौरान आरोपी साधु सिंह और रामऔतार की मौत हो चुकी है।
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