लखनऊ। लोकसभा चुनाव में विपक्ष को बेरोजगारी के मुदृदे को प्रमुखता से उठाया, जिस वजह से यूपी में बीजेपी को काफी नुकसान झेलना पड़ा। अगर सीएम योगी के कार्यकाल में दी गई नौकरियों पर नजर डाले तो सात साल में 6.50 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए हैं। मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के पहले फरवरी और मार्च में नियुक्ति पत्र वितरित किया तो चुनाव के बाद 10 जुलाई को 7720 युवाओं को लेखपाल पद पर नियुक्ति पत्र बांटा। जल्द ही कई अन्य विभागों में चयनित युवाओं को मुख्यमंत्री नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे।
2022 के बाद मिली ज्यादा नौकरियां
2022 में दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री का फोकस युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का रहा है। उन्होंने अपने कार्यक्रमों में भी कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है। इसमें सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को भी शुरू किया गया है। माध्यमिक शिक्षा में भी इस अभियान को आगे बढ़ाया है। इसमें सामान्य पाठ्यक्रम को जारी रखते हुए पैरामेडिकल, ड्रोन टेक्नोलॉजी, डेटा एनालिसिस, थ्रीडी प्रिंटिंग आदि सर्टिफिकेट कोर्स से छात्रों को जोड़ा जा रहा है। इसके लिए पहले से ही व्यवसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में व्यापक बदलाव हो रहे हैं।
सीएम ने पिछले साल नौ जून को 7182 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकत्रियों को नियुक्ति पत्र दिया। वहीं 10 जून को पीजीआई में नवचयनित 1442 स्टाफ नर्सों को नियुक्ति पत्र दिया। 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा नवचयनित 1573 एएनएम को नियुक्ति पत्र भी दिया गया।
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