अलीगढ़। भोले बाबा के सत्संग के बाद हाथरस में हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी। एसआईटी ने 855 पेज की रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। सूत्रों की मानें तो एडीजी आगरा-कमिश्रर अलीगढ़ की संयुक्त एसआईटी की रिपोर्ट में दक्षिण के कुछ राज्यों के नंबर, कुछ अधिकारी-कर्मचारी, सेवादार-आयोजक इस पूरे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार ठहराए गए हैं। दो जून की दोपहर हुए इस हादसे के बाद ही मुख्यमंत्री स्तर से एसआईटी जांच का आदेश जारी किया गया था। एसआईटी ने 132 लोगों के बयान दर्ज किए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घटना से पहले और बाद के साथ-साथ घटना के समय के सर्विलांस के जरिये बीटीएस टावर की लोकेशन ली गई। उसकी डिटेल में दक्षिण के राज्यों के चार अलग अलग नंबर ऐसे सामने आए, जिनको घटना के पहले और घटना के समय कॉल हुई है। ये नंबर संदिग्ध हैं और उनको घटना से जोड़कर देखा गया है। इसके साथ ही, थाना-तहसील से लेकर कुछ जिला स्तर के अधिकारियों की लापरवाही का भी हवाला दिया गया है।
आयोजक ठहराए गए जिम्मेदार
हाथरस हादसे पर जांच रिपोर्ट तैयार हो गई और शासन तक भेज दी गई। मगर इसमें हादसे के कारणों?, अनदेखी-लापरवाही को कौन जवाबदेह? आदि तथ्यों को बेहद गोपनीय रखा गया है। गोपनीयता का आलम ये है कि जो कर्मचारी रिपोर्ट तैयार करने में लगाए गए, उनको निगरानी में रखा गया और मोबाइल तक बंद कराकर रखे गए। जांच में पता चला है कि दक्षिण के कुछ राज्यों के नंबर, कुछ अधिकारी-कर्मचारी, सेवादार-आयोजक इस पूरे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार ठहराए गए हैं। बाकी सच शासन स्तर से रिपोर्ट पर एक्शन के आधार पर उजागर किया जा सकेगा।
मुख्य आरोपी मधुकर
ये नंबर संदिग्ध हैं और उनको घटना से जोड़कर देखा गया है। सूत्र बताते हैं कि एसआईटी इन्हें घटना के लिए लोगों को दुष्प्रेरित कराने वालों से जोड़कर देख रही है। वहीं अधिकारियों, कर्मचारियों को लेकर बहुत से सवाल खड़े किए गए हैं। इसके अलावा सेवादारों और आयोजकों को लापरवाही का बड़ा जिम्मेदार करार दिया गया है।इस रिपोर्ट को लेकर कई मर्तबा आयुक्त व एडीजी से जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया। तमाम प्रयास के बाद भी मंडलायुक्त से संपर्क नहीं हो सका। वहीं एडीजी स्तर से कोई भी जानकारी शासन से मिलने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।अभी मुख्य आरोपी मधुकर को मानकर चला जा रहा हैं।
125 लोगों को मिल सकती है नोटिस
न्यायिक आयोग की टीम रविवार को देर शाम हाथरस से लखनऊ रवाना हो गई। टीम हादसे से जुड़े सभी दस्तावेजों को एकत्रित करके लेकर गई है। टीम ने घटनास्थल से जुड़े नक्शे, अनुमति पत्र, पुलिस व प्रशासनिक रिपोर्ट सहित तमाम दस्तावेजों का अवलोकन किया था। टीम ने लोनिवि गेस्ट हाउस में घटना के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों के बयान भी दर्ज किए थे। अब आयोग जल्द ही इस घटना से जुड़े करीब 125 लोगों को नोटिस जारी करके उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाएगा।
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