महिला उद्यमियों के सशक्तिकरण के लिए वूमन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफॉर्म व ट्रांसयूनियन सिबिल ने शुरू किया प्रोग्राम ‘सहर’

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Women Entrepreneurship Platform and TransUnion CIBIL started program 'Sahar' for empowerment of women entrepreneurs.
महिला उद्यमियों के लिए फाइनेंस तक पहुंच में तेजी लाने के उद्देश्य से अपनी तरह की नई पहल है।

बिजनेस डेस्क। वूमन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूईपी) और ट्रांसयूनियन सिबिल की ओर से आज शुरू किया गया ऋण शिक्षा कार्यक्रम ‘सहर’ (एसईएचईआर) भारत में महिला उद्यमियों को फ़ाइनेंस से जुड़ी शिक्षा और समझ देने के साथ व्यावसायिक कौशल से लैस करेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था का विकास होगा और रोजगार बढ़ाने के लिए आवश्यक वित्तीय साधनों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। वूमन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूईपी) नीति आयोग द्वारा विकसित एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप प्लेटफॉर्म है और इसका उद्देश्य भारत में महिला उद्यमियों के लिए एक इकोसिस्टम तैयार करना है। यह कार्यक्रम डब्ल्यूईपी के फाइनेंसिंग वूमेन कोलैबोरेटिव (एफडब्ल्यूसी) का हिस्सा है, जो महिला उद्यमियों के लिए फाइनेंस तक पहुंच में तेजी लाने के उद्देश्य से अपनी तरह की नई पहल है।

डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस सर्विस

सहर कार्यक्रम का शुभारंभ वूमन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूईपी) की मिशन डायरेक्टर और नीति आयोग की प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर अन्ना रॉय ने वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस सर्विस (डीएफएस) के डायरेक्टर (वित्तीय समावेशन) जितेंद्र असाटी, इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) के चीफ एग्जीक्यूटिव सुनील मेहता, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नीरज निगम, एमएसएमई मंत्रालय की जॉइंट सेकेटरी मर्सी एपाओ और ट्रांसयूनियन सिबिल के एमडी और सीईओ राजेश कुमार की मौजूदगी में किया। डब्ल्यूईपी की मिशन डायरेक्टर और नीति आयोग की प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर अन्ना रॉय ने कहा, ‘हमारे देश के आर्थिक विकास में एमएसएमई की बड़ी भूमिका है और धन संबंधी जागरूकता की कमी अक्सर एमएसएमई के विकास के लिए बड़ी बाधा बनती है।

बिजनेस को बढ़ाने के लिए सही समय पर और सही तरीके से धन तक पहुंच पानी होगी, इसके लिए उद्यमियों को अपनी सिबिल रैंक और कमर्शियल क्रेडिट रिपोर्ट सहित फाइनेंस के सभी पहलुओं पर ज्ञान हासिल करना होगा। डब्ल्यूईपी का उद्देश्य सही स्रोत से सूचना देते हुए बिजनेस का विकास करने, धन तक पहुंच बनाने, बाजार से जुड़ाव बनाने, प्रशिक्षण और कौशल विकास, सलाह और नेटवर्किंग सहित बिजनेस डवलपमेंट से जुड़ी सेवाओं तक पहुंच बनाने जैसे विभिन्न पहलुओं में मदद देते हुए महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना है।’

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