नई दिल्ली । लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी के हिंदुओं के खिलाफ दिए बयान पर हंगामा हो गया। राहुल गांधी ने कहा जो खुद को हिंदू कहते हैं, वह हिंसा-हिंसा करते हैं। इसे लेकर सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। खुद पीएम मोदी ने राहुल के भाषण के बीच उन्हें टोका और कहा कि पूरे हिंदू समुदाय को हिंसा से जोड़ना ठीक नहीं है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी राहुल गांधी पर जमकर पलटवार किया। शाह ने कहा कि राहुल गांधी को इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
यहे बोले राहुल गांधी
राहुल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग अपने आप को हिंदू कहते हैं वह 24 घंटे हिंसा, हिंसा, हिंसा; नफरत, नफरत, नफरत; असत्य, असत्य, असत्य करते रहते हैं। ये हिंदू हैं ही नहीं। आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सत्य के साथ खड़े होने चाहिए। सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए। अहिंसा फैलाना चाहिए।
लोकसभा में राहुल गांधी ने हिन्दू समाज को कहा हिंसक, तो पीएम श्री @narendramodi ने तुरंत जताया विरोध।
‘पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर विषय है!’ pic.twitter.com/oEot30ysoy
— BJP (@BJP4India) July 1, 2024
पीएम मोदी ने दिया जवाब
पीएम मोदी ने इस दौरान बीच में ही उठकर राहुल गांधी को रोका और कहा कि यह बात बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना गंभीर विषय है। इस पर राहुल ने जवाब दिया कि मैंने भाजपा को हिंसक कहा, नरेंद्र मोदी पूरा हिंदू समाज नहीं है। भाजपा पूरा हिंदू समाज नहीं है। आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है। पीएम मोदी ने राहुल के बयानों पर बाद में सदन में कहा, “इस संविधान ने मुझे सिखाया है कि मुझे विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना चाहिए।”
अमित शाह ने किया पलटवार
राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा, “शोरशराबा कर के इतने बड़े कृत्य को छिपाया नहीं जा सकता। विपक्ष के नेता ने कहा कि जो अपने आप को हिंदू कहते हैं, वह हिंसा करते हैं, हिंसा की बात करते हैं। इनको शायद मालूम नहीं है कि करोड़ों लोग खुद को गर्व से हिंदू कहते हैं। क्या वे सभी लोग हिंसा करते हैं। हिंसा की भावना को किसी धर्म के साथ जोड़ना और इस सदन में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने। मुझे लगता है उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए।”
शाह ने आगे कहा, “मैं उनको एक गुजारिश भी करना चाहता हूं कि इस्लाम में अभयमुद्रा, इस पर इस्लाम के विद्वानों का मत एक बार वो ले लें। गुरुनानक साहब की अभयमुद्रा पर एसजीपीसी का मत वो ले लें। अभय की बात इनको करने का कोई हक नहीं है। आपातकाल में पूरे देश को इन्होंने भयभीत किया है। लाखों लोगों को जेल में डाला गया। वैचारिक आतंक कभी था तो आपका आपतकाल था।”
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