बीमा की 60 लाख के लिए अपने कपड़े पहनाकर​ भिखारी को जिंदा जलाया, 17 साल बाद ऐसे खुला भेद

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Beggar burnt alive after wearing his clothes for insurance of Rs 60 lakhs, secret revealed after 17 years
कार में आग लगने से ड्राइविंग सीट पर बैठा युवक जिंदा जल गया था।

आगरा। बीमा के 60 लाख रुपये के लिए एक युवक ने अपने दोस्तों के साथ ऐसे खौफनाक वारदात को अंजाम दिया कि 17 साल बाद इस अपराध से पर्दा उठ सका। मीडिया​ रिपोर्ट्स के अनुसार आगरा के थाना रकाबगंज के 17 साल पुराने मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन लोगों ने बीमा की रकम हड़पने के लिए एक भिखारी को कार में अपने कपड़े पहनाकर जिंदा जला दिया था। इस सनसनीखेज मामले का नवंबर 2023 में अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करके खुलासा किया था। इसी मामले में रकाबगंज पुलिस ने मुख्य आरोपी के पिता की गिरफ्तारी की है।

खंभे से टकराई थी कार

पुलिस के अनुसार 30 जलाई 2006 को आगरा किला के सामने टक्कर रोड पर एक कार खंभे से टकराई थी। कार में आग लगने से ड्राइविंग सीट पर बैठा युवक जिंदा जल गया था। कार नंबर के आधार पर पुलिस ने भट्टा परसौल, दनकौर गौतमबुद्ध नगर निवासी विजय सिंह से संपर्क किया था। वह आगरा आए थे। कार अपने बेटे अनिल सिंह की बताई थी। शव की पहचान की। शव की पहचान कराने में महिपाल और रामवीर ने गवाही दी थी।

अनिल सिंह ट्रैवल एजेंसी चलाता था। उसका करीब 60 लाख रुपये का बीमा था। मृत्यु प्रमाणपत्र बनने के बाद बीमा राशि ले ली गई। अनिल सिंह वास्तव में मरा नहीं था। वह अहमदाबाद में पहचान छिपाकर रहने लगा था। राजकुमार चौधरी नाम से अपना आधार कार्ड बनवा लिया था। नई कार और ऑटो खरीद लिया था। गोपनीय शिकायत के बाद पुलिस ने अनिल सिंह को जिंदा पकड़ा था। उसके खिलाफ अहमदाबाद में धोखाधड़ी और हत्या का केस दर्ज किया गया था,उसकी जांच में आरोपी पकड़ा गया।

भिखारी को बेहोश करके सीट पर बैठाया

पुलिस के अनुसार अनिल और उसके साथियों ने फुटपाथ से एक भिखारी को खाना खाने के बहाने पास बुलाया था। उसे खाना खिलाया। अनिल ने अपने कपड़े पहनने के लिए दिए। उसने अनिल के कपड़े पहन लिए। खाने में बेहोशी की दवा थी। भिखारी बेहोश हो गया। उसे कार की ड्राइविंग सीट पर बैठाया। कार को जला दिया गया। शव पूरी तरह जल जाए। इसलिए पेट्रोल भी डाला गया था। भिखारी की शिनाख्त अब तक नहीं हो सकी है।

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