श्रावस्ती। फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी करने वाले जालसाजों की खैर नहीं, शिक्षा विभाग ने चार ऐसे प्रध्यानाध्यपक और एक सहायक शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी, साथ ही उनके द्वारा लिए गए वेतन के रिकवरी का आदेश जारी किया है। इनके विरुद्ध एफआईआर कराने के भी निर्देश जारी हुए है। कुछ अन्य शिक्षक भी संदेह के दायरे में हैं जिनके विरुद्ध विभागीय जांच कराई जा रही है।
नहीं आ रहे थे विद्यालय
श्रावस्ती के सिरसिया विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बगही में तैनात प्रधान शिक्षक अनूप कुमार ने फर्जी मार्कशीट व कूटरचित दस्तावेज के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी पाई थी, जो मौजूदा समय प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात था। इसकी जांच में पुष्टि के बाद उसे मंगलवार सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।इसी तरह गिलौला विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पिपरी में तैनात प्रधान शिक्षिका रीता देवी, हरिहरपुररानी के प्राथमिक विद्यालय असई पुरवा में तैनात प्रधान शिक्षक सुभाष चंद्र, गिलौला के प्राथमिक विद्यालय परेवपुर में तैनात प्रधान शिक्षिका चंद्रप्रभा त्रिपाठी व जमुनहा के प्राथमिक विद्यालय हरदत्त नगर गिरंट में तैनात सहायक अध्यापक रामनवल पर भी फर्जी मार्कशीट व कूटरचित दस्तावेज के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हथियाने का आरोप लगाया गया था। जिसकी जांच में पुष्टि के बाद सभी को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मंगलवार सेवा से बर्खास्त कर दिया।
चल रही थी विभागयी जांच
बता दें कि सभी प्रधानाध्यापक व सहायक शिक्षक विद्यालय से फरार थे। इस बीच प्राथमिक विद्यालय बगही में तैनात प्रधान शिक्षक अनूप कुमार ने उच्च न्यायालय में स्थगन आदेश के बाद से कभी कभार विद्यालय आता रहता था। वहीं कुछ अन्य शिक्षक भी संदेह के घेरे में हैं। जिनके विरुद्ध जांच कराई जा रही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अमिता सिंह ने बताया कि इन शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय जांच कराई जा रही थी जिन्हें कई बार अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी कर कार्यालय बुलाया गया था। लेकिन वह अपना पक्ष रखने कार्यालय नहीं पहुंचे। इस लिए इनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई है।
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