कानपुर। यूपी के कानपुर में बुधवार रात को बड़ा हादसा हो गया, यहां श्रीमदभागवत कथा के समापन हो रहीं मां काली की लीली के दौरान चाकू लगने से एक बालक की गर्दन कटने से मौके पर ही मौत हो गई। अब बड़ा सवाल है कि लीला मंचन के दौरान मां काली के पात्र को असली चाकू किसने थमाया। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस को मौके पर चाकू नहीं मिला, जिसकी तलाश जारी है। घटना के बादगंभीर रूप से घायल बालक को बिल्हौर सीएचसी में भर्ती कराया गया, वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बंभियापुर गांव निवासी बबलू कश्यप ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि गांव में सुभाष सैनी के घर पर हो रही श्रीमद्भागवत कथा में बुधवार की रात मां काली की झांकी और लीला का मंचन हो रहा था।आयोजक मंडल ने गांव के किशन सैनी (14) को मां काली का अभिनय करने के लिए काले कपड़े पहनाए, जबकि उनके पुत्र शिवम उर्फ शनि (11) को भूत-प्रेत का अभिनय करने को कहा गया। मंच पर लीला के मंचन के दौरान मां काली का भेष धरे किशन सैनी ने अभिनय के दौरान उनके पुत्र शिवम उर्फ शनि की गर्दन पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।पीड़ित पिता की तहरीर पर बालक किशन सैनी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई है।
बड़ा सवाल असली चाकू आया कहा से
बंभियापुर गांव में श्रीमद्भागवत कथा में मां काली की झांकी के मंचन के दौरान चाकू लगने से बच्चे की मौत के मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि मंचन के दौरान असली चाकू क्यों दी गई, वह भी नाबालिग के हाथ।इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के बाद भी बगैर अनुमति कथा कराई जा रही थी।पुलिस को भी इसकी सुध तब आई, जब इतनी बड़ी घटना हो गई। इंस्पेक्टर केशव तिवारी ने बताया कि आयोजक सुभाष सैनी ने कोई अनुमति नहीं ली थी। इस वजह से कथा बंद करा दी गई है।
इसे भी पढ़ें…