बिजनेस डेस्क। पिरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पिरामल फाइनेंस ने नए वित्तीय वर्ष में पारंपरिक गोल्ड लोन बिजनेस और अनसिक्योर्ड माइक्रोफाइनेंस लोन की शुरुआत के साथ अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता लाने की योजना बनाई है। इसके साथ, कंपनी ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करेगी और अपने कंज्यूमर फाइनेंस फोकस को और व्यापक बनाएगी। यह महत्वपूर्ण कदम कंपनी के पारंपरिक रियल एस्टेट-आधारित बिजनेस मॉडल से एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।संबद्ध जोखिमों के बावजूद, कंपनी इन नए उद्यमों के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करते हुए अपनी मजबूत अंडरराइटिंग संबंधी क्षमताओं को लेकर आश्वस्त है। यह रणनीतिक कदम पिरामल फाइनेंस के अधिक संतुलित पोर्टफोलियो की ओर बढ़ने के लक्ष्य के अनुरूप है, जिसमें कंपनी के एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रिटेल लोन से जुड़ा है।
माइक्रोफाइनेंस व्यवसाय
पिरामल फाइनेंस छोटी दुकानों या संपत्तियों को कोलेटरल के रूप में उपयोग करते हुए, संभावित रूप से 10 लाख रुपए से कम के छोटे-टिकट ऋण पेश करने के लिए तैयार है। इस क्षेत्र में विकास की संभावनाओं को पहचानते हुए, कंपनी का लक्ष्य उभरते अवसरों का लाभ उठाना और बाजार में अपनी उपस्थिति का विस्तार करना है। हालाँकि इसका वर्तमान माइक्रोफाइनेंस व्यवसाय 1,000 करोड़ रुपए का है, जो कंपनी के 70,823 करोड़ रुपए के एयूएम की तुलना में बहुत कम माना जाता है। इसलिए कंपनी के व्यापक परिसंपत्ति प्रबंधन पोर्टफोलियो के भीतर माइक्रोफाइनेंस बिजनेस एक महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र बना हुआ है।कंपनी ने अपने शाखा नेटवर्क का विस्तार करते हुए इस नेटवर्क को 470 से अधिक तक पहुंचा दिया है।
कंपनी का मजबूत नेटवर्क
ये शाखाएं 25 राज्यों के 625 जिलों में फैली हुई हैं, जिनमें देश भर के 369 से अधिक शहर और कस्बे शामिल हैं। वित्त वर्ष 2025 में 100 और शाखाएँ जोड़कर शाखा नेटवर्क को और बढ़ाने की योजना है, जिसका लक्ष्य 1,000 स्थानों पर 600 शाखाओं का एक मजबूत नेटवर्क बनाना है। इस विस्तार का लक्ष्य टियर-टू, टियर-थ्री शहरों और टियर-वन शहरों के बाहरी इलाकों में ग्राहकों तक पहुंचना है। रिटेल बिजनेस कंपनी के कुल एयूएम को संचालित करता है, खुदरा और थोक के बीच मिश्रण वित्त वर्ष 28 तक 70 प्रतिशत खुदरा और 30 फीसदी थोक के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। कंपनी का लक्ष्य अपने एयूएम को दोगुना कर वित्त वर्ष 28 तक 1.2-1.3 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने का है।
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