93 वर्षीय जवाहरलाल ने स्ट्रोक पर प्राप्त की विजय, जानिए स्ट्रोक के शुरूआती लक्षण

  • भारत में तेज स्ट्रोक आने वाले 70 प्रतिशत रोगी 65 वर्ष से अधिक उम्र के होते हैं

मुंबई। दुनिया भर में मृत्यु और विकलांगता के सबसे आम कारणों में से एक स्ट्रोक है। जबकि स्ट्रोक सभी उम्र के व्यक्तियों में हो सकता है, स्ट्रोक का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है, जो 55 वर्ष की उम्र के बाद हर दशक में दोगुना हो जाता है। तेज स्ट्रोक के लिए हॉस्पिटल आने वाले 70 प्रतिशत से अधिक रोगी 65 वर्ष से अधिक उम्र के होते हैं। उम्र महज एक संख्या है और यह उल्लेखनीय कहानी इसे साबित करती है।

प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण 93 वर्ष के श्री जवाहरलाल फोतेदार (स्ट्रोक रुग्ण) ने बाधाओं को चुनौती दी और अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में इंट्रावेनस थ्रोम्बोलिसिस के माध्यम से तेज स्ट्रोक पर विजयी प्राप्त की। यह केस साबित करता है कि स्ट्रोक के सबसे उम्रदराज रोगी के उपचार में उम्र कोई मापदंड नहीं है। सीबीडी बेलापुर, नवी मुंबई का निवासी रोगी, उच्च रक्तचाप और पार्किंसंस रोग झेल चूका था तथा लेफ्ट हेमिपेरेसिस (बाईं ओर कमजोरी) और अस्पष्ट भाषण से पीड़ित था। उन्हें तुरंत इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजी के सलाहकार, डॉ. विशाल चाफले और एडल्ट एंड पेडियाट्रिक न्यूरोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. शेखर पाटिल द्वारा उपचार के लिए ले जाया गया। उनका इंट्रावेनस थ्रोम्बोलिसिस किया गया और उल्लेखनीय सुधार हुआ।

चार – पांच घंटे काफी अहम

डॉ. विशाल चाफले, इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजी-सलाहकार,अपोलो हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई ने कहा,“यह केस न केवल समय पर इंटरवेंशन के महत्व पर प्रकाश डालता है, बल्कि यह समझने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालता है कि उम्र स्ट्रोक के उपचार में बाधा नहीं बननी चाहिए। स्ट्रोक प्रबंधन में महत्वपूर्ण कारक समय है। इंट्रावेनस थ्रोम्बोलिसिस में स्ट्रोक का कारण बनने वाले ब्लड क्लॉट को घोलने के लिए ‘क्लॉट-बस्टिंग’ दवा देना और मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह को बहाल करना शामिल है। स्ट्रोक के लक्षण शुरू होने के तुरंत बाद, आदर्श रूप से 4.5 घंटों के भीतर दिए जाने पर यह सबसे प्रभावी होता है। 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए यह बचाव अवधि 3 घंटे है।

सक्षम स्ट्रोक प्रोटोकॉल

इस केस में रोगी का ठीक होना 90 वर्ष से अधिक उम्र के रोगियों में भी इंट्रावेनस थ्रोम्बोलिसिस की प्रभावकारिता को रेखांकित करता है।”डॉ. चाफले ने कहा,“स्ट्रोक के लक्षणों को तुरंत पहचानना जीवन रक्षक हो सकता है। अचानक कमजोरी, चेहरे का लटक जाना, बोलने में कठिनाई और समन्वय खोने जैसे लक्षण आ रहे स्ट्रोक के लिए मेडिकल इंटरवेंशन की तत्काल आवश्यकता का संकेत देते हैं। स्ट्रोक प्रबंधन में शीघ्र निदान और सही उपचार की शुरुआत महत्वपूर्ण है। यह सफल इंटरवेंशन बुजुर्ग रोगियों में भी जटिल न्यूरोलॉजिकल केस को हैंडल करने में अपोलो हॉस्पिटल्स की विशेषज्ञता का प्रमाण है। हमारा एआई (AI) सक्षम स्ट्रोक प्रोटोकॉल निदान और उपचार निर्णय की सटीकता को बढ़ाकर उपचार के समय को कम करता है।”

डॉक्टरों ने किया प्रभावी इलाज

जवाहरलाल फोतेदार (स्ट्रोक रुग्ण) ने कहा,“मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे 93 वर्ष की उम्र में स्ट्रोक का सामना करना पड़ेगा, लेकिन मैं यहाँ हूँ, तथा जीवित और स्वस्थ होने के लिए आभारी हूँ। अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में मुझे जो देखभाल मिली वह वास्तव में असाधारण थी। मेरी उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के बावजूद, डॉक्टरों और क्लिनिकल टीम ने तेजी से और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दी। उनकी विशेषज्ञता और समर्पण की बदौलत, मैंने उल्लेखनीय सुधार किया है। इस अनुभव से मैंने सीखा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने की बात आने पर उम्र वास्तव में सिर्फ एक संख्या है।”

 संतोष मराठे, क्षेत्रीय सीईओ-पश्चिमी क्षेत्र, अपोलो हॉस्पिटल्स ने कहा,“अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में 93 वर्षीय रोगी का उल्लेखनीय सुधार स्ट्रोक देखभाल में एक मील का पत्थर है। अपोलो त्वरित एम्बुलेंस सेवाओं के साथ 24/7 आपातकालीन सेवाओं वाला एक स्ट्रोक के उपचार के लिए तैयार हॉस्पिटल है। हमारे आपातकालीन विशेषज्ञ महत्वपूर्ण बचाव समय में जीवन बचाने में मदद करने के लिए नवी मुंबई, ठाणे और रायगढ़ में विभिन्न स्थानों पर समुदाय के सदस्यों के लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) प्रशिक्षण आयोजित करते हैं।”

इसे भी पढ़ें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Tejasswi Prakash is dating Karan who is 9 …. Dhanashree’s song became a hit after divorce Know who is Ranya Rao who has been caught in gold smuggling Janhvi Kapoor ready to sizzle Manushi Chhillar is the new face of ‘Race 4’