90% भारतीय महिलाओं में है विटामिन-D की कमी, दर्द से राहत के लिए वे चुनती हैं अस्थायी समाधान

  • हड्डियों के दर्द की अनदेखी और समस्या की जड़ यानी विटामिन-D की कमी को लेकर बनी रहती हैं लापरवाह
  • 2023 में 52,754 से अधिक शहरी महिलाओं की जांच के दौरान ~80% में विटामिन-D की कमी पायी गई

नई दिल्ली। हमारे शरीर में विटामिन-D की मात्रा 30ng/ml से कम होना अपर्याप्त माना जाता है या इसे विटामिन-D की कमी के तौर पर परिभाषित किया जाता है, जिसके कारण बोन हेल्थ बिगड़ती है और हड्डियों में तेज दर्द तथा फ्रैक्चर की शिकायत भी हो सकती है। अध्ययनों से यह पता चला है कि भारत में महिलाएं आमतौर से अपनी खराब बोन हेल्थ के लक्षणों को नजरंदाज करती हैं। अपोलो डायग्नॉस्टिक्स ने हॉर्लिक्स विमेन्स प्लस के साथ मिलकर 2023 में विटामिन-D टेस्टिंग कैंपा लगाए जिनसे पता चला कि देश में करीब 80% शहरी महिलाएं विटामिन-D की कमी की शिकार हैं। 2023 में मॉमस्प्रेस्सो अध्ययन से यह खुलासा भी हुआ कि शरीर दर्द की समस्या से जूझने वाली करीब 87% महिलाएं इस बात से अनजान होती हैं कि उनकी खराब बोन हेल्थ की वजह से ऐसा होता है और वे दर्द से राहत के कुछ चालू उपायों को अपनाती हैं।

हड्डियों का खतरा बढ़ा

डॉ यास्मिन युसुफज़ई, जनरल फिज़िशियन, अपोलो क्लीनिक, दिल्ली का कहना है, “महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ-साथ कमजोर हड्डियों का खतरा बढ़ता जाता है। वे अक्सर ऑस्टियोमेलेसिया से पीड़ित होती हैं जिसकी वजह से हड्डियों कमजोर पड़ने लगती हैं या ऑस्टयोपोरोसिस की शिकार होती हैं जिसके कारण उनकी हड्डियां क्षीण होने लगती हैं। महिलाओं को अपनी हड्डियों को कमजोर होने से बचाने के लिए नियमित रूप से विटामिन-D और कैल्शियम युक्त पोषक सप्लीमेंट्स लेने चाहिएं। ये सप्लीमेंट्स उन्हें हड्डियों को मजबूत बनाने और हड्डियों के दर्द से राहत देते हैं। विटामिन-D सप्लीमेंट्स से बोन हेल्थ में सुधार होता है और इम्युनिटी भी बेहतर बनती है।”

90% of Indian women are deficient in Vitamin D, they choose temporary solution for pain relief

न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स की सलाह

धूप के संपर्क में आने पर हमारी त्वचा में विटामिन-D बनता है। लेकिन व्यायाम और शारीरिक श्रम रहित लाइफस्टाइल, प्रदूषित हवा और इंडोर वर्कस्पेस बढ़ने की वजह से अब बहुत से लोगों में विटामिन-D की कमी की समस्या बढ़ी है। हमें जिन खाद्य स्रोतों से विटामिन-D मिलता है, वे काफी सीमित हैं। सबसे अच्छे स्रोतों में फैटी फिश और फिश लिवर ऑयल हैं, कुछ मात्रा अंडों की जर्दी में और कुछ हद तक मशरूम में भी मिलती है। शरीर में विटामिन-D की कमी से बचने के लिए न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है।

बोन हेल्थ में सुधार

कैल्शियम और विटामिन-D की 100% डायटरी एलाउंस वाले न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स आसानी से उपलब्ध हैं, ये किफायती भी होते हैं और बोन हेल्थ में सुधार की दृष्टि से फायदेमंद भी होते हैं। न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स लेने के साथ-साथ महिलाओं को सेहतमंद आदतों को भी अपनाना चाहिए जिससे उनकी बोन हेल्थ में सुधार हो, और शरीर में दर्द कम हो तथा उम्र बढ़ने पर फ्रैक्चर का रिस्क भी कम हो।

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