मुंबई। अपने दांवपेच से बड़े-बड़े को चित्त करने वाले शरद पवार इस बार बेटे अजीत के हाथों ऐसे चारों खाने चित हुए कि न केवल उनके हाथ से सत्ता की चाबी चली गई, बल्कि उनकी पार्टी और उनकी पहचान भी सब छिन गई। अब चुनाव आयोग ने उनके दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरदचंद्र पवार (राकांपा-शरदचंद्र पवार) को ‘तुरहा बजाता हुआ व्यक्ति’ पार्टी चिह्न के रूप में आवंटित किया। पार्टी के प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने यह जानकारी दी। क्रास्टो ने बताया, हमारे उम्मीदवार आगामी लोकसभा चुनाव में इसी चुनाव चिह्न के साथ लड़ेंगे।
तुरहा बजाता हुआ व्यक्ति
शरद पवार गुट ने ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता कुसुमाग्रज की लिखी एक लोकप्रिय कविता ‘तुतारी’ की पंक्तियों का हवाला देते हुए एक पोस्ट किया। पार्टी ने ‘एक्स’ पर कहा,’छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरगाथा में तुतारी ने एक बार दिल्ली के सम्राट को बहरा कर दिया था। आगामी चुनावों के लिए तुतारी (तुरहा बजाता हुआ व्यक्ति) को पार्टी चिह्न के रूप में प्राप्त करना हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है।
हमारा तुतारी शरदचंद्र पवार के नेतृत्व में दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।पिछले वर्ष जुलाई में अजित पवार और आठ अन्य विधायकों के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद शरद पवार नीत राकांपा विभाजित हो गई थी। बाद में निर्वाचन आयोग ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और ‘घड़ी’ चिह्न आवंटित कर दिया था।
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