लखनऊ। पूर्वांचल के कदृदावर सपा नेता विनय शंकर तिवारी के लखनऊ स्थित दफ्तर समेत 12 ठिकानों पर ईडी की अलग- अलग टिमों ने एक साथ छापेमारी कर रही है। टीम को संदेह है कि उनकी कंपनी ने बड़ा गोलमाल किया है। दरअसल ये छापेमारी विनय तिवारी की गंगोत्री एंटरप्राइजेज के द्वारा 1100 करोड़ के लोन में की गई हेराफेरी को लेकर की जा रही है।
ईडी ने लखनऊ, गोरखपुर, अहमदाबाद, गुरुग्राम और गौतमबुद्धनगर के 12 ठिकानों पर छापेमारी की है।गोरखपुर में विनय तिवारी के घर और लखनऊ में महानगर स्थित गंगोत्री इंटरप्राइजेज के दफ्तर पर छापेमारी की गई है। विनय तिवारी गोरखपुर के पहले बाहुबली से नेत बने हरिशंकर तिवारी के बेटे है जो अपने पिता की राह पर चलकर ठेकेदारी का काम करते है, उन्होंने बैंक से लोन लेकर चुकाया नहीं।
बसपा से विधायक रह चुके है तिवारी
विनय शंकर तिवारी बसपा से चिल्लूपार से विधायक रह चुके हैं। वहीं उनके भाई भीष्म शंकर तिवारी संत कबीर नगर से सांसद रहे हैं। इससे पहले भी प्रवर्तन निदेशालय विनय तिवारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत उनकी लगभग 73 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया था। विनय तिवारी और उनकी पत्नी रीता तिवारी के साथ ही कंपनी के निदेशकों के खिलाफ सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली में साल 2020 में एफआईआर दर्ज की थी।
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