लखनऊ। सपा में स्वामी प्रसाद मौर्य के हिसाब फैसले न होने पर उन्हें पहले महासचिव पद से इस्तीफा दिया, इसके बाद पार्टी छोड़ दी। सोमवार को उन्होंने अपनी नई पार्टी का एलान करने के बाद अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि उनकी क्या हैसियत जो मुझे देंगे उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है समाजवादी पार्टी की केंद्र में और राज्य में सरकार है और वो मुझे लाभ दे रहे हैं।
उनके द्वारा ऐसी शेखचिल्ली बघारना उचित नहीं है। मैंने हमेशा पद छोड़ा है। मैंने वैचारिकता को प्राथमिकता दी है। विचारों के सामने पद मायने नहीं रखता है। मैंने बहुजन समाज पार्टी में नेता विरोधी दल रहते हुए पार्टी को छोड़ दिया था। सत्ता में रहते हुए मैंने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ दिया था। ओबीसी और जनरल की जगह जब जनरल भर्ती किये जा रहे थे तब मैंने भाजपा को छोड़ा था। दरअसल स्वामी प्रसाद अखिलेश यादव के उस बयान पर जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि लोग लाभ लेने आते हैं और फिर चले जाते हैं।
एमएलसी पद भी छोड़ेंगे
स्वामी प्रसाद ने कहा कि अखिलेश यादव को गलतफहमी है कि वह विपक्ष में रहकर लाभ दे रहे हैं। रही बात उनके पद की और सम्मान (विधान परिषद सदस्य) की तो उसको भी जल्द छोड़ दूंगा। समाजवादी पार्टी में शेखचिल्ली कौन है के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो बड़बोला होगा वहीं शेखचिल्ली होगा।
रामगोपाल यादव पर भी बोला हमला
अखिलेश यादव को खरी खोटी सुनाने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य उनके चाचा सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव पर भी बरसे। उन्होंने कहा कि उनकी भाषा में न तो सम्मान है और न बातचीत का सलीका और तरीका आता है। प्रोफेसर रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी के हितेषी हैं या दुश्मन हैं उन्हें कोई अभी तक समझ ही नहीं पाया। नई पार्टी के गठन पर उन्होंने कहा कि मैं 22 तारीख को दिल्ली में रहूंगा।
वहीं, पर बैठक के बाद निर्णय लूंगा। वहीं, कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि अगर अवसर मिलेगा तो जरूर शामिल होऊंगा।स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह दलितों और पिछड़ों की लड़ाई हमेशा ही लड़ते रहेंगे। अखिलेश यादव ने 85 और 15 का विरोध तभी कर दिया था जब सुल्तानपुर में परशुराम की मूर्ति लगाकर फरसा लहराया था।
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