नईदिल्ली। लेखन और जीवन के समग्र अवदान के लिए इस वर्ष अमर उजाला का सर्वोच्च शब्द सम्मान ‘आकाशदीप-हिंदी में प्रख्यात रचनाकार विनोद कुमार शुक्ल और हिंदीतर भाषाओं में मलयालम के विख्यात लेखक फिल्म निर्देशक एम टी वासुदेवन नायर को दिया जाएगा।आकाशदीप के अंतर्गत हिंदी के साथ अब तक कन्नड़, मराठी, बांग्ला तथा उड़िया को लिया जा चुका है, इस वर्ष मलयालम को चुना गया है।
सामूहिक स्वप्न की पृष्ठभूमि
हिन्दीतर भारतीय भाषाओं में गिरीश कर्नाड, भालचंद्र नेमाडे, शंख घोष और प्रतिभा राय के साथ हिंदी में नामवर सिंह, ज्ञानरंजन, विश्वनाथ त्रिपाठी और शेखर जोशी आकाशदीप से अलंकृत हो चुके हैं।अमर उजाला के समूह सलाहकार और शब्द सम्मान के संयोजक यशवंत व्यास ने बताया कि भारतीय भाषाओं के सामूहिक स्वप्न की पृष्ठभूमि में अमर उजाला फाउंडेशन ने 2018 में शब्द सम्मान की स्थापना की थी। सर्वोच्च ‘आकाशदीप’ अलंकरण हिंदी और अन्य भारतीय भाषा के एक-एक साहित्य मनीषी को अर्पित किया जाता है। अलंकरण में पांच-पांच लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक के रूप में गंगा प्रतिमा सम्मिलित हैं।
चिन्मयी त्रिपाठी की कृति
‘छाप’ श्रेणी में कविता वर्ग में कुमार अम्बुज के संग्रह ‘उपशीर्षक’ को श्रेष्ठ कृति के रूप में चुना गया है। कथा वर्ग में मनोज रूपड़ा के कहानी संग्रह ‘दहन’ तथा कथेतर वर्ग में दलपतसिंह राजपुरोहित की कृति ‘ सुन्दर के स्वप्न’ को वर्ष की श्रेष्ठ कृति का सम्मान दिया जायेगा। किसी भी रचनाकार की पहली किताब वाला ‘थाप’ चिन्मयी त्रिपाठी की कृति ‘अपनी कहीं’ को मिलेगा। भारतीय भाषाओं में अनुवाद का भाषा-बंधु सम्मान ‘गुजराती दलित कविता’ के हिंदी अनुवाद के लिए मालिनी गौतम को प्रदान किया जाएगा।
इन सम्मानों में एक-एक लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक के रूप में गंगा प्रतिमा सम्मिलित हैं प्रख्यात कवि नरेश सक्सेना, जानी-मानी कथाकार चित्र मुद्गल, विख्यात रचनाकार शाजी जमां, प्रख्यात लेखक अलोक भल्ला एवं ख्यात कवि अष्टभुजा शक्ल, के उच्चस्तरीय निर्णायक मंडल ने इन कृतियों को अपनी कसौटी पर परखा है।
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