लखनऊ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए साथ आए दलों में टकराव जारी है। सब लोग अपने— अपने हिसाब से सीटों का बंटवारा चाहते है। एक दिन पहले अखिलेश यादव ने 11सीट देने का एलान किया था, अब एक दिन बाद ही उनका सुर बदलता नजर आ रहा है। रविवार को वे 15 सीट देने की बात करने लगे। अखिलेश ने एक्स पर पोस्ट करके गठबंधन के लिहाज से इसे अच्छी शुरुआत बताया है। हालांकि, कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे का कहना है कि इस बारे में सकारात्मक बात चल रही है और अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
और सीट देने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार पिछले दो-तीन दिनों में अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अशोक गहलोत की दो बार बात हुई। इनका नतीजा शनिवार को अखिलेश यादव के एक्स पोस्ट के जरिये देखने को मिला। अखिलेश ने पोस्ट के माध्यम से कहा कि कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हुई है। ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। अखिलेश के बयान से स्पष्ट है कि कांग्रेस को अभी कुछ और सीटें भी मिल सकती हैं। सपा सूत्रों की मानें तो इनकी संख्या 15 तक जा सकती है। कांग्रेस ने यूपी में 25 सीटें मांगी हैं।
सात सीटों के नाम तो तय
कांग्रेस को दी जाने वाली 11 सीटों के नामों की आधिकारिक जानकारी सपा की ओर से भी सार्वजनिक नहीं की गई है। इससे पहले गठबंधन के तहत रालोद को दी गईं 7 सीटों के भी नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। गठबंधन के तहत कांग्रेस को रायबरेली व अमेठी के अलावा महराजगंज, कानपुर, झांसी, सहारनपुर, वाराणसी, कुशीनगर, बांसगांव, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर को मिलने की संभावना है। सपा प्रमुख भाजपा के सामने पहले से अपनी चुनावी रणनीति का खुलासा नहीं करना चाहते। भाजपा के जातिगत समीकरण को देखते हुए वे भी अपनी राजनीतिक बिसात बिछाना चाहते हैं। इसलिए एक खास रणनीति के तहत सीटों और प्रत्याशियों के नामों की सार्वजनिक घोषणा से यथासंभव परहेज किया जा रहा है।
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