महुआ मोइत्रा की सांसदी गई, लेकिन सरकारी बंगले का मोह नहीं गया, कोर्ट ने खारिज की मांग

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Mahua Moitra became MP, but did not lose the attraction of government bungalow, court rejected the demand
महुआ मोइत्रा केवल 31 मई, 2024 तक सरकारी आवास का कब्जा वापस देने का अनुरोध कर रही हैं।

नई दिल्ली। टीएमसी से सांसद रही महुआ मोइत्रा की सांसदी चली गई है, लेकिन उनकी मन से सरकारी बंगले का मोह नहीं गया। वह सरकारी बंगले पर कब्जे दिलाने के लिए हाईकोर्ट गई थी, जहां से उनके हाथ निराशा लगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा से सरकारी बंगला खाली करवाते हुए कानूनी प्रक्रिया का पालन करे। महुआ मोइत्रा की याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने साफ किया कि इस अदालत ने केस के गुण और दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है। कोर्ट ने डायरेक्टर ऑफ एस्टेट से उम्मीद जताई कि वह मामले में आदेश जारी करते हुए अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगे।

कब्जा दिलाने की मांग

महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका में अनुरोध किया था कि एस्टेट एनफोर्समेंट के 11 दिसंबर 2023 के उस आदेश को रद्द करके उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने तक आवास का कब्जा वापस दिया जाए। मोइत्रा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पिनाकी मिश्रा ने कहा कि याचिकाकर्ता केवल 31 मई, 2024 तक सरकारी आवास का कब्जा वापस देने का अनुरोध कर रही हैं।

बता दे कि मोइत्रा को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर तोहफा लेने के बदले में सवाल पूछने और उनके साथ संसद की वेबसाइट की ‘लॉग इन आईडी’ और ‘पासवर्ड’ शेयर करने के लिए ‘अनैतिक आचरण’ का दोषी ठहराया गया था। 8 दिसंबर, 2023 को लोकसभा से उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई थी।

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