नई दिल्ली। अपनी मेहनत की कमाई जोड़कर सहारा समूह में निवेश करने वालों के पैसों को सरकार लौटाने के लिए यह बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में बया दिया कि सहारा ग्रुप के निवेशकों ने ग्रुप की कंपनियों में फंसे 80,000 करोड़ रुपये वापस लेने की मांग की है। सरकार इस मामले में फिर से सुप्रीम कोर्ट सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्रालय ने निवेशकों के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया है, जहां वे अपने फंसे पैसे पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। वर्मा ने कहा कि अब तक तीन करोड़ निवेशकों ने 80,000 करोड़ रुपये वापस पाने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
45 दिनों में निवेशकों को मिलेगी रकम
मंत्री ने बताया कि ‘हमने 45 दिनों में निवेशकों को पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू की है। हमें 5,000 करोड़ रुपये मिल गए हैं। हम सभी निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए और सहारा ग्रुप से अधिक धनराशि प्राप्त करने के लिए फिर उच्चतम न्यायालय जाएंगे। सहारा समूह के निवेशकों का एक-एक पैसा लौटाया जाएगा। वर्मा ने कहा कि कई निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पोर्टल पर प्रक्रिया से गुजरने वाले सभी निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलेगा। अभी शुरुआत में छोटे निवेशकों को रिफंड मिल रहा है। रिफंड की शुरुआत 10-10 हजार रुपये के साथ की गई है।
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