एमपी में कांग्रेस की हार पर सपा ने कसा तंज, ‘लिखा जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है’

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SP took a dig at Congress's defeat in MP, wrote, 'When destruction falls on Manuj, conscience dies first'
अब जब चुनाव नतीजों में कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ गई है तो सपा ने तीखा तंज कसा है।

नईदिल्ली। कांग्रेस को तीन राज्यों में लगे तगड़े झटक के बाद इंडिया गठबंधन याद आ गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने छह दिसबंर को फिर से इंडिया को एकजुट करने के लिए दिल्ली में बैठक बुलाई, लेकिन कांग्रेस की हार के बाद इंडिया गठबंधन के ही कई सदस्य कांग्रेस नेताओं की चुटकी लेते नजर आ रहे है। समाजवादी पार्टी ने एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ का एक वीडियो ट्वीट कर उन पर तंज कसा है।

सपा ने लिखा ‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है’। सपा प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने एमपी में कांग्रेस की हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ा है।

बता दे कि एमपी चुनाव से पूर्व एक कार्यक्रम में कमलनाथ से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर सवाल किया गया था, जिस पर कमलनाथ ने कहा था कि ‘छोड़ो भई अखिलेश-वखिलेश।’ इस पर सपा नेताओं और खुद अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। अब जब चुनाव नतीजों में कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ गई है तो सपा ने तीखा तंज कसा है।

जदयू नेता ने कसा तंज

चार राज्यों के चुनावी नतीजों के बीच जदयू नेता निखिल मंडल ने लिखा है कि ‘INDIA गठबंधन को अब आदरणीय नीतीश कुमार जी के अनुसार चलना चाहिए। कांग्रेस पांच राज्यों के चुनाव में व्यस्त होने की वजह से गठबंधन पर ध्यान नहीं दे पा रही थी। अब तो कांग्रेस भी चुनाव लड़ ली, रिजल्ट भी सामने है। याद रहे नीतीश कुमार जी विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार हैं और वही इस नैया को पार करा सकते हैं।’दरअसल नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान आरोप लगाया था कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में व्यस्त होने के चलते विपक्षी गठबंधन की रणनीति को लेकर चर्चा नहीं कर रही है। अब जब राजस्थान और एमपी में कांग्रेस पिछड़ रही है तो विपक्षी गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस पर तंज कस रहे हैं।

अब जब चुनाव नतीजों में कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ गई है तो सपा ने तीखा तंज कसा है।

सपा से बढ़ेगी दूरी

एमपी सत्ता विरोधी लहर के बाद भी बीजेपी ने सत्ता बचाने में सफल रही। शुरूआती कैंपेन में जिस तरह से कांग्रेस को समर्थन मिल रहा था,उससे कांग्रेस के कई नेता गुमान में आ गए थी। इसके साथ अखिलेश यादव ने बिना जनाधार के ही औकात से ज्यादा सीटें मांग ली थी, इस वजह से कांग्रेस सपा में गठबंधन नहीं हो पाया था, परिणाम स्वरूप

अखिलेश यादव ने कांग्रेस को हराने के लिए साठ सीटों अपने प्रत्याशी उतार दिए, इस वजह से कांग्रेस को कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा।

इस हार को कांग्रेसी इतनी आसानी से नहीं पचा पाएंगे,इसके लिए वह अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराएंगे। इसका नतीजा लोकसभा चुनाव में होने वाले गइबंधन इंडिया पर पड़ेगा। एक बार अखिलेश यादव की वजह से कांग्रेस को उत्तराखंड में अब मध्यप्रदेश में हार झेलनी पड़ी।

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