लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष का बनाया गया गठबंधन ढेर होता नजर आ रहा है। एमपी चुनाव में जहां कांग्रेस ने सपा को उसकी औकात दिखा दी, अब वहीं यूपी में एकला चलो की राह पर चलने की तरफ बढ़ रही है। वह दूसरी पार्टियों के दिग्गज नेताओं को कांंग्रेस से जोड़कर अपने को मजूबत करने में जुटी है। जहां पिछले दिनों सपा कददावर नेता रवि वर्मा को पार्टी से जोड़ा अब लोजपा और सपा समेत कई नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाकर अपने कुनबे को समृद्ध कर रही है।
कांग्रेसियों ने किया मंथन
पार्टी को धार देने के लिए गुरुवार को प्रदेश कार्यालय पर कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए विस्तार से चर्चा की गई, वहीं पार्टी की नीतियों से जनता को रूबरू कराने के लिए जनसंपर्क अभियान को तेज करने पर जोर दिया गया। सूत्रों के अनुसार बैठक में फैसला लिया गया है कि एमपी की तरह यूपी में भी सपा से दूरी बनाकर चलने का निर्णय लिया गया है। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय,महासचिव दिनेश सिंह, प्रमोद पांडेय, अंशू अवस्थी, हरीश बाजपेई व अब्दुल मन्नान समेत कई नेता शामिल हुए।
इन्होंने ने थामा कांग्रेस का हाथ
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेंद्र रावत, बसपा नेता सुरेंद्र प्रताप के नेतृत्व में बुधवार को तमाम नेताओं ने कांग्रेस का हाथ पकड़ा। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों एवं उसकी समावेशी विचारधारा में आस्था व्यक्त करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भाजपा की गलत नीतियों से लोग परेशान हैं।
सपा नेता के बयान से कांग्रेसी असहज
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बेतुके बयान से कांग्रेस नेता खिन्न है, यहां तक कि वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्णन ने खुलेआम स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की आलोचना कर चुके है, वहीं कुछ सपाई नेता भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से परेशान नजर आने लगे है।
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