ग़ज़ल: मैं किसी से कभी माँगता कुछ नहीं…
मैं किसी से कभी माँगता कुछ नहीं । अब तुम्हारे सिवा चाहता कुछ नहीं।। इस हकीकत से वाकिफ हुआ हूँ…
लेटेस्ट एंड ट्रेंडिंग न्यूज़
मैं किसी से कभी माँगता कुछ नहीं । अब तुम्हारे सिवा चाहता कुछ नहीं।। इस हकीकत से वाकिफ हुआ हूँ…
उनसे नज़रें मिला के बैठे हैं । सबको दुश्मन बना के बैठे हैं ।। हाले-दिल अपना अब कहें कैसे, खुद…
दे गई वह भी दगा तो क्या करें । जिंदगी है बेवफा तो क्या करें ।। साँस में जिसको बसाया…