महाकुंभ की महिमा: आग से 230 से अधिक कॉटेज जले, पर एक करोड़ से अधिक के धर्मग्रन्थ सुरक्षित

Glory of Maha Kumbh: More than 230 cottages were burnt in the fire, but more than one crore religious texts were safe.

हरियाणा, सिलीगुड़ी और प्रतापगढ़ के तीन श्रद्धालु झुलस गए जबकि दो लोग भगदड़ में जख्मी हो गए।

प्रयागराज: महाकुंभ ​रविवार शाम चार बजे अज्ञात कारणों से लगी आग की वजह से 230 अधिक के कॉटेज जलकर राख हो गए, 13 सिलेंडरों में आग की वजह से विस्फोट हुआ, पांच लाख से अधिक की नकदी भी जल गई। इन सब के बीच एक हैरान करने वाली खबर सामने आई यहां इस क्षेत्र में एक रखे एक करोड़ से अधिक के धर्मग्रन्थ सुरक्षित बच गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीकरपात्र धाम-वाराणसी और गीता प्रेस गोरखपुर के शिविर में हुई अग्नि दुर्घटना के दौरान 30 फीट ऊंची लपटें उठीं।

घटना की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चंद मिनटों में ही पांच हजार स्क्वॉयर फीट एरिया वाला पूरा शिविर चौतरफा आग से घिर चुका था। फूस और बांस के बने 280 कॉटेज जलकर राख हो गए। इन कॉटेजों में रखे 13 एलपीजी सिलिंडर भी आग की चपेट में आकर फट गए, पांच बाइकें और पांच लाख रुपये की नकदी भी जल गई। हरियाणा, सिलीगुड़ी और प्रतापगढ़ के तीन श्रद्धालु झुलस गए जबकि दो लोग भगदड़ में जख्मी हो गए।

मौके पर पहुंचे सीएम

आग बुझने के तुरंत बाद मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी तीन मंत्रियों के साथ पहुंचे। मेला प्रशासन ने 40 झोपड़ियां और छह टेंट जलने की बात कही है। घटना में 2.5 करोड़ से अधिक के नुकसान का अनुमान है।महाकुंभ मेले में लगी आग के बाद गीता प्रेस के ट्रस्टी बदहवास नजर आए। हादसे के बाद वह शिविर में लोगों के कुशलक्षेम पूछते रहे। आगजनी में एक करोड़ से अधिक के धर्मग्रंथ जलने से बच गए हैं। सप्ताह भर पहले ही गोरखपुर से धर्मग्रंथों की खेप महाकुंभ के शिविर में पहुंची थी।

देखते ही देखते फैली आग

वहां मौजूद लोगों ने बताया कि श्रीकरपात्र धाम के श्रद्धालु पवन त्रिपाठी के कॉटेज से धुआं उठने लगा। जब तक कोई कुछ समझ पाता,तब तक कॉटेज से लपटें उठने लगीं। शिविर में मौजूद लोगों ने देखा तो शोर मचाना शुरू कर या। आग बुझाने के लिए लोग पानी लेकर भी दौड़ पड़े। देखते ही देखते आग फैल गई और अन्य कॉटेजों को भी चपेट में ले लिया। कुछ ही मिनट में 280 कॉटेज जलने लगे और ऊंची-ऊंची लपटें उठने लगीं।

35 दमकल गाड़िया मौके पर पहुंची

सूचना पर सबसे पहले सेक्टर 19 और फिर अन्य सेक्टरों में स्थित फायर स्टेशनों से एक के बाद एक छोटी-बड़ी 35 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। फायर सर्विस और पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ ने भी पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका लेकिन तब तक 280 कॉटेज जल चुके थे।

सिलिंडर फटने से हुए धमाके

चौतरफा आग से वहां कोहराम मच गया। शिविर के अंदर मौजूद लोग चीखते-पुकारते हुए बाहर की ओर भागे। तब तक शिविर के बाहर भारी भीड़ जमा हो चुकी थी। इसी दौरान कॉटेजों में रखे सिलिंडर फटने लगे। रह-रहकर सिलिंडर फटने के साथ ही धमाके होने लगे। धमाके इतने जबरदस्त थे कि कई किमी दूर तक इनकी गूंज सुनाई दी। उधर, धमाकों से राहगीरों में भगदड़ जैसी स्थिति मच गई। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह स्थिति नियंत्रित की और लोगों को हटाकर मार्ग खाली कराया।

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