लखनऊ। लोकसभा चुनाव विपक्ष ने भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए काफी प्रयास किया,फिर भी बीजेपी ने गठबंधन करके तीसरी बार केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने में सफल हो गई। हालांकि यूपी में बीजेपी को मनामाफिक सीट पाने से विपक्ष ने रोक लिया। हालांकि उस दबाव को बीजेपी ने हरियाणा शानदार वापसी करके कम किया है। 2027 में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष में मुकाबला उपचुनाव में होगा।
विपक्ष जहां एक बार फिर गठबंधन और पीडीऐ के फार्मूले से हराने की कोशिश कर रही है। वही अब बीजेपी ने विपक्ष की किलेबंदी को तोड़ने के लिए खास फार्मूले पर काम कर रही है।दिल्ली में हुई हाईकमान की बैठक में भाजपा के शीर्ष नेताओं ने प्रदेश संगठन की ओर से भेजे गए तीन-तीन नामों के पैनल में शामिल पिछड़े और दलित के नामों पर गंभीरता से विचार किया हे।
भाजपा सपा के पीडीए फॉर्मूले की काट के लिए 9 में से 8 सीटों पर दलित और पिछड़े चेहरे उतारकर उसको तगड़ी चुनौती देने की तैयारी की है। पार्टी की रणनीति के तहत सिर्फ एक सीट पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को भी मौका मिल सकता है। दिल्ली में हुई बैठक में भाजपा के शीर्ष नेताओं ने प्रदेश संगठन की ओर से भेजे गए तीन-तीन नामों के पैनल में शामिल पिछड़े और दलित के नामों पर गंभीरता से विचार हुआ है।
पीडीए की काट तैयार की बीजेपी
पार्टी नेतृत्व की पूरी कोशिश है कि उपचुनाव में शत-प्रतिशत परिणाम भाजपा के ही पक्ष में आए। इसलिए पार्टी खास रणनीति बना रही है। इसके तहत सामान्य सीटों पर भी वहां के पिछड़ों व दलितों का दिल जीतने के लिए इसी वर्ग के लोगों को मैदान में उतारा जा सकता है।विधानसभा चुनाव वाले राज्यों के लिए प्रत्याशी तय करने के लिए हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में यूपी के उपचुनाव के लिए भी प्रत्याशियों के नाम की चर्चा हो चुकी है। रणनीतिकारों ने भाजपा नेतृत्व को सपा के पीडीए फार्मूले की काट के लिए हर सीट के जातीय समीकरण को साधते हुए प्रत्याशी उतारने की सलाह दी है।
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