वाराणसी। भगवान शिव की नगरी काशी में तो वैसे पूरे साल श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा और अर्चना के लिए लगी रहती है, लेकिन सावन में भोले का अभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का रेला लग जाता है। हर साल सोमवार को लाखों की संख्या में कांवड़िया शिव का जलाभिषेक करने के लिए निकल पड़ते है। सोमवार को रात 12 बजे के बाद से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद भोले का अभिषेक करने लाइन में लग गए। इस दौरान पूरी काशी भोले के जयकारों से गूंज उठी।
प्रशासन की पुख्ता व्यवस्था
भोर में आरती के बाद मंदिर का पट खुलते ही बाबा काशी विश्वनाथ का जयघोष होने लगा। सबसे पहले 21 यादव बंधुओं ने बाबा का जलाभिषेक किया। इसके बाद श्रद्धालु एक-एक कर बाबा दरबार में मत्था टेकते रहे। जलाभिषेक का दौर चलता रहा। चौक से दशाश्वमेध और मैदागिन से श्री काशी विश्वनाथ धाम तक श्रद्धालु कतारबद्ध रहे। मंदिर परिसर में जिगजैग की व्यवस्था की गई थी ताकि अधिक से अधिक शिव भक्त अंदर रहे। उनके लिए धूप से बचने की भी व्यवस्था की गई थी।
देर रात से लगी कतार
शिव के भक्त देर रात से ही जलाभिषेक के लिए पट खुलने के इंतजार में लाइन में खड़े दिखे। पट खुलने की घोषणा होते ही भक्त दर्शन के लिए तैयार हो गए। मंदिर के मुख्य द्वार पर कमिश्नर कौशल राज शर्मा भी पहुंच गए थे। भक्तों के मंदिर प्रवेश से पूर्व उन पर पुष्पा वर्षा भी की गई। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार काशी विश्वनाथ परिसर में पहली बार मात्र 21 यादव बंधुओं ने बाबा का जलाभिषेक के किया। यादव बंधु ललिता घाट से गंगा जल लेकर बाबा के दरबार में हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए पहुंचे। पूरी सुरक्षा के साथ उन्होंने बाबा का जलाभिषेक किया।
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