8 अप्रैल 2025, लखनऊ। सेंटर फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स एंड सेक्युलरिज्म (CPDRS) के महासचिव प्रोफेसर कुंचे श्रीधर ने इजरायल द्वारा गाजा पर लगातार किये जा रहे क्रूर हमले की निंदा की। जारी एक प्रेस वक्तव्य में उन्होंने कहा:
“हम गाजा में जमीन की लंबी-चौड़ी पट्टी को नष्ट करने और इस क्षेत्र को “हत्या क्षेत्र” में बदलने का आदेश अपने सैनिकों को देने के इजरायल के कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं, जहां प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति को मार दिया जाएगा। इजरायली सेना एंबुलेंसों पर गोलीबारी कर रही है, आपातकालीन कर्मचारियों को मार रही है, पत्रकारों और यहां तक कि बच्चों को भी मार रही है। यह बताया गया कि इजरायली सैनिकों को गाजा के लगभग 1 किमी (0.6 मील) दायरे के अंदर घरों, कारखानों और कृषि भूमि को नष्ट करने का आदेश दिया गया था। कुछ पत्रकारों ने टिप्पणी की कि यह क्षेत्र हिरोशिमा जैसा दिखता है।
ये सभी भयावहताएं तब भी हो रही हैं, जब अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने नवंबर 2024 में बेंजामिन नेतन्याहू का गिरफ्तारी वारंट जारी किया हुआ है, जिसमें इजरायली प्रधानमंत्री को युद्ध अपराधी घोषित किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने पहले ही फैसला सुनाया है कि कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायल की निरंतर उपस्थिति गैरकानूनी है।
सीपीडीआरएस भारत के नागरिकों से इजरायली कट्टरपंथी यहूदीवादी सरकार के इन क्रूर कृत्यों के विरोध में आवाज़ उठाने की अपील करता है।