लक्ष्यदीप। हमारा देश विविधता भरा है। यहां हर राज्य में अलग भाषा और संस्कृति है। आपकों पता है कि देश का ऐसा राज्य है जहां आपकोंएक भी कुत्ता नहीं मिलेगा न तो पालतू और न ही फालतू। यहां कुत्ते लेकर जाना भी मना है। हम बात कर रहे है लक्ष्यदीप की, इसकी एक और खासियत है, यहां सांप भी नहीं पाए जाते है। इस राज्य को डॉग और स्नेक फ्री घोषित किया गया है। जबकि इसके पड़ोसी राज्य में सबसे ज्यादा सांप पाए जाते हैं, यह खूबसूरत राज्य मालदीव जैसा है, यहां के 600 से भी ज्यादा प्रजाति की मछलियां पाई जाती हैं।
पर्यटकों का पसंदीदा स्थल
आपकों बता दें कि लक्षद्वीप देश का बेहद खूबसूरत द्वीप है। यहां पर्यटक प्रकृति का आनंद लेने के साथ-साथ कई स्पोर्ट एक्टिविटीज का आनंद भी ले आते है। लक्ष्यद्वीप (Lakshadweep) हूबहू मालदीव (Maldives) जैसा है. लेकिन यहां कुत्ता पालने पर रोक हैं, WHO के मुताबिक, लक्षद्वीप एक रेबीज फ्री स्टेट भी है, इसके अलावा घूमने जाने वाले पर्यटकों को भी कुत्तों को लेकर जाने की इजाजत नहीं है।सरकार ने पालतू और गैर-पालतू सभी तरह के कुत्तों को लक्षद्वीप में लेकर जाने पर रोक लगाई है। यहां पर बड़ी संख्या में बिल्लियां और चूहे पाए जाते हैं, यहां पर सभी गलियों और रिजार्ट के आस-पास आपको बिल्ली और चूहे दिखते हैं।
मछलियों की 600 से ज्यादा प्रजाति
लक्षद्वीप में मछलियां बहुत ज्यादा संख्या में पाई जाती हैं, यहां पर आपको अलग-अलग प्रजाति की मछलियां दिखेगी। लक्षद्वीप में करीब 600 से ज्यादा प्रजातियों की मछलियां पाई जाती हैं, तितली मछली लक्षद्वीप का राज्य पशु है, यहां कम से कम आधा दर्जन प्रजाति की तितली मछलियां पाई जाती हैं।
लक्ष्यदीप कीआबादी 64 हजार
36 छोटे-छोटे द्वीप से मिलकर बने लक्षद्वीप की कुल आबादी करीब 64000 के आसपास है, इसमें 96 फीसदी आबादी मुसलमान है, लेकिन हर साल यहां हजारों की संख्या में पर्यटक जाते हैं, लक्षद्वीप में आमदनी का प्रमुख जरिया भी टूरिज्म और मछली है। लक्षद्वीप में भले ही 32 आइलैंड हैं, लेकिन यहां पर सिर्फ दस आईलैंड पर ही लोग रहते हैं, जिसमें- कवाराट्टी, अगाट्टी, अमिनी, कदमत, किलातन, चेतलाट, बिट्रा, आनदोह, कल्पनी और मिनिकॉय शामिल हैं। कई द्वीप तो ऐसे हैं, जहां 100 से भी कम लोग रहते हैं. वहीं कवाराट्टी यहां की राजधानी है।
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