प्रयागराज । हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के लाइब्रेरी हॉल में देश के कर्मठ मानवाधिकार योद्धा, PUCL के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, संवैधानिक मूल्यों के लिए आजीवन समर्पित, प्रखर और निर्भीक चिंतक, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रविकिरण जैन जी स्मृति सभा आयोजित की गई।उनका पिछले 30 दिसंबर 2024 को देहान्त हो गया है। स्मृति सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता श्री वज़ाहत हुसैन ने की। स्मृति सभा की शुरुआत दिवंगत वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रविकिरण जैन के छाया चित्र पर वरिष्ठ अधिवक्तागण श्री वज़ाहत हुसैन खान, श्री प्रदीप कुमार, टी पी सिंह, पी के जैन, SFA नक़वी, एन. आई. जाफ़री, दयाशंकर मिश्र, एच जी हसनैन, सहित हाइ कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव श्री विक्रांत पाण्डेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री राजेश खरे, उपाध्यक्ष सुभाष यादव, संयुक्त सचिव प्रशासन सुमित श्रीवास्तव द्वारा माल्यार्पण से हुई। उसके बाद उपस्थित सभी अधिवक्तों ने उनके छाया चित्र पर पुष्पार्पण किया।
जिम्मेदारी का कुशलतपूर्वक निर्वाह
स्मृति सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान अहमद नकवी ने आदरणीय रवि किरण जैन के मानवाधिकारों के प्रति योगदान और उनके संवैधानिक मूल्यों के प्रति आजीवन निष्ठा और समर्पण का जिक्र किया।अधिवक्ता केके राय ने रविकिरण जैन को एक सफल अधिववक्ता के साथ साथ परिवार और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का कुशलतपूर्वक निर्वाह करने वाले सभी मोर्चों पर सफल इंसान के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने रवि किरण जैन द्वारा बहस किए गए विभिन्न संवैधानिक मुकदमोनों और नज़रों का जिक्र करते हुए बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की नजीर है आज भी बांग्लादेश की अदालत में रेफर की जाती है और ऐसी अनेक नजीर हैं जिन मामलों में आदरणीय रवि किरण जैन ने अदालत के समक्ष बहस की थी अभी किरण जैन न केवल इलाहाबाद उच्च न्यायालय बल्कि इस देश की और मानवाधिकारों के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित व्यक्ति रहे हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता और एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री प्रदीप कुमार- ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन के दौर में सन 1943 में पैदा हुए जैन साहब की एन्टी स्टैब्लिशमेंट जेहनियत मानो पैदाइश ही थी! वे अपनी बात कहने में पूरे जीवन कभी नही चुके। अधिवक्ताराकेश प्रसाद ने कहा कि वे सोशलिस्ट मूवमेंट से ताउम्र जुड़े रहें।वरिष्ठ अधिवक्ता पी.के.जैन ने कहा कि रविकिरण जैन साहब का व्यक्तित्व बहुत विशाल था वे सितंबर में टीचर्स डे को पैदा हुए थे,एक अध्यापक की तरह व्यवहार रहा! वकालत में में मूल्यों का कायम करने के हामी थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता एच जी हसनैन साहब ने कहा कि जैन साहब का व्यक्तित्व एक गुलदस्ते के मानिंद रहा उनमें सभी रंगों के फूल मौजूद थे। उन्होंने इलाहाबाद में बशीर साहब के साये में वकालत शुरू किया! वे जाति-धर्म व भाषा-क्षेत्र से ऊपर उठकर इंसानियत के आधार पर पूरी जिंदगी जिये।
स्मृति सभा को संबोधित करते हुए दीपाली गुप्ता ने कहा एक पुत्री के रूप मेरे लिए फक्र की बात है। उन्होंने हमेशा सादगी के साथ जीवन विताया और हमेशा आपीने वसूलों पर खड़े रहे उन्होंने हमारे संयुक्त परिवार के 8 भाई बहनों की परवरिश की और इस हाल में मौजूद के और लोग हैं जिमके लिए वो पिता समान ही रहे हैं। सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ताएन. आई.जाफरी ने कहा कि रविकिरण जैन साहब का भारतीय न्यायपालिका को बड़ा योगदान रहा। वे किसी न्यायिक मुद्दे को पकड़ते थे,उसे तार्किक परिणति तक ले जाते थे।
चुनौतीपूर्ण प्रोफेशन को चुना
वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह ने स्मृति सभा को संबोधित करते हुए कहा कि रवि किरन जैन एक बड़े उधोगपति परिवार थे, लेकिन उन्होंने वकालत जैसे संघर्ष भरे और चुनौतीपूर्ण प्रोफेशन को चुना! वे समाजवादी विचारों से प्रभावित रहे, जैन साहब वकालत में समझौताविहीन गतिविधियों को संचालित करते थे! वे मानवधिकार, सामाजिक मुद्दों पर लड़ने वाले बार के अकेले अधिवक्ता रहें। वे खिलाने-पिलाने और मेहमाननवाजी के शौकीन थे। भारतीय न्यायपालिका की गरिमा को बचाना और आम लोंगो को न्याय सुलभ हो आम जनता के न्यायपालिका पर दरकते विश्वास के प्रयास करना ही रविकिरण जैन जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
वरिष्ठ अधिवक्तादयाशंकर मिश्र- जैन साहब की कमी इस बार को खलेगी! वे जब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट संस्था जब तक रहेगी, वैचारिक रूप से जैन साहब ज़िंदा रहेंगे। डॉ. लोहिया की वह बात याद आती कि है कि न्याय की बात कहना अगर बगावत है रतो हम बागी हैं। उन्होंने न्यायाधीशों की संख्या बढायेजाने को लेकर किये गए मुकदमे का जिक्र करते हुए रविकिरण जैन को याद किया और कहा कि जायज बात के लिए लड़ाई जारी रखनी चाहिए! ऐसा होने पर जैन साहब वैचारिक रूप सदैव जीवित रहेंगे!वजाहत हुसैन खान- स्मृति सभा की अध्यक्षता करते हुए कार्यक्रम में शिरकत कर रहे सभी अधिवक्ताओं को हौसला अफजाई किया! जैन साहब संवैधानिक मूल्यों और सेक्युलरिज्म के लिए आखिरी तक लड़े।एन. आई.जाफरी- भारतीय न्यायपालिका को बड़ा योगदान रहा! वे किसी न्यायिक मुद्दे को पकड़ते थे,उसे तार्किक परिणति तक ले जाते थे।
टीपी सिंह- रवि किरन जैन एक बड़े उधोगपति परिवार थे, लेकिन उन्होंने वकालत जैसे संघर्ष भरे और चुनौतीपूर्ण प्रोफेशन को चुना! वे समाजवादी विचारों से प्रभावित रहे, जैन साहब वकालत में समझौताविहीन गतिविधियों को संचालित करते थे! वे मानवधिकार, सामाजिक मुद्दों पर लड़ने वाले बार के अकेले अधिवक्ता रहें! वे खिलाने-पिलाने और मेहमाननवाजी और यरवाजी के शौकीन थे। भारतीय न्यायपालिका की गरिमा को बचाना और आम लोंगो को न्याय सुलभ हो यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।दयाशंकर मिश्र- जैन साहब की कमी इस बार को खलेगी! वे जब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट संस्था जब तक रहेगी, वैचारिक रूप से जैन साहब ज़िंदा थे। डॉ. लोहिया की वह बात याद आती कि हक और जायज बात के लिए लड़ाई जारी रखनी चाहिए! ऐसा होने पर जैन साहब वैचारिक रूप सदैव जीवित रहेंगे!
मानवाधिकारों के प्रति योगदान
वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक व अपर महाधिवक्ता अशोक मेहता ने संदेश भेजकर उनके संवैधानिक मूल्यों और मानवाधिकारों के प्रति योगदान को याद किया और अपने सहित उनके सभी जूनियर अधिवक्तों के चैम्बर में रविकिरण जैन के चैम्बर के विस्तारित होने की बात कही। सभा को अवधेश राय, राजवेन्द्र सिंह, बीएम सिंह आदि ने संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने न्यायालय में खाली पड़े न्यायाधीशों के पद पर चिन्त व्यक्त कड़ते हुए फ्रेश मुक़दमों की सुनवाई में कई कई महेसने लग जाने को न्यायालय की विफलता बताया और इस गंभीर स्थित से उबरके लिए रविकिरण जैन के संघर्षों से प्रेरणा लेते हुए जिम्मेदारी के साथ आवाज उठाने की जरूरत को दोहराया।
यह लोग रहे मौजूद
इस दौरान नितिन शर्मा पूर्व महासचिव, जेबी सिंह पूर्व महा सचिव, अशोक सिंह पूर्व अध्यक्ष, महेंद्र बहादुर सिंह, धर्मेंद्र सिंह यादव, सर्वेश दुबे, ऋषि चड्ढा, स्वेताश्व अग्रवाल, इमरान उल्ला, डॉ. आबिदा सय्यद, कपिल यादव, अविनाश वर्मा, जितेंद्र नायक (महासचिव कैट बार), शमिमुद्दीन खान, एम आर खान, चार्ली प्रकाश, इन्द्रसेन सिंह, हृदयेश यादव, जुनैद आलम, वहाज सिद्दीकी, रमेश कुमार, मो0 सईद सिद्दीकी, मुश्ताक अहमद, राय साहब यादव, हरेंद्र राम, अरविंद कुमार राय, प्रमोद कुमार गुप्त, नितेश यादव, सरताज अहमद सिद्दीकी, लावेलेः सिंह, विनोद कुमार, समर बहादुर सरोज, रणविजय सिंह, इंद्रा देव, विकास, घनश्याम मौर्य, मो0 इमरान, महा प्रसाद, अखिलेश यादव विनोद कुमार राजेश यादव शशि प्रकाश कुशवाहा सीमा कुशवाहा जीत बहादुर गौतम लवलेश वर्मा अभय राज आनंद प्रकाश यादव अवनीश कुमार श्रीवास्तव अभिषेक यादव रमेश चंद्र श्याम मोहन यादव रिपुसूदन यादव, एमपी पाल, संतोष मिश्रा, सत्यव्रत त्रिपाठी, सत्यदेव शर्मा, बीरेंद्र यादव, जनार्दन यादव, विवेक पाल,अशोक कुमार यादव, कमल सिंह यादव, मुकेश कुमार गौतम, राघवेंद्र यादव, मुजम्मिल, राम श्याम शंकर पांडे, बुद्ध प्रकाश,सुषमा यादव, रजनीकांत राय, सीमा श्रीवास्तव, विश्वविजय, रज्जन यादव, परवेज, रमेश यादव, सुनीत कुमार, रमेश कुमार सहित बड़ी संख्या में अधिवक्तागण मौजूद रहे। सभा के अंत में उनके जीवन संघर्षों के सम्मान में दो मिनेट का मौन रखा गया और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वर्तमान पदाधिकारियों, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री राजेश खरे, महासचिव श्री विक्रांत पांडेय, उपाध्यक्ष श्री सुभाष यादव, संयुक्त सचिव प्रशासन श्री सुमित श्रीवास्तव को अध्यक्ष श्री वज़ाहत हुसैन वरिष्ठ अधिवक्ता की ओर से रविकिरण जैन साहब का एक छाया चित्र सौपा गया जिसे हाई कोर्ट बार की लाइब्रेरी हाल में स्थापित किया जाएगा। स्मृति सभा का संचालन जमील अहमद आज़मी ने किया।
द्वारा : राजवेन्द्र सिंह, संयोजक अधिवक्ता मंच, इलाहाबाद।
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