गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप ने देश के प्रमुख राज्यों में नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार के लिए बनाई योजना

Godrej Enterprises Group plans to expand renewable energy in major states of the country

उच्च वोल्टेज पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट के अपने बढ़ते पोर्टफोलियो और सौर ऊर्जा तथा हरित ऊर्जा बुनियादी ढांचे में रणनीतिक निवेश से प्रेरित है।

बिजनेस डेस्क, मुंबई। गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप के ऊर्जा समाधान व्यवसाय ने भारत के स्वच्छ ऊर्जा अभियान का समर्थन करने वाली बिजली की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में बड़ा निवेश करने पर ध्यान देने की घोषणा की है। नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को अपनाने में तेज़ी लाने के संबंध में कंपनी के “राष्ट्र निर्माण” से जुड़े व्यापक दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाते हुए, गोदरेज का यह व्यवसाय अपने बिजली संबंधी बुनियादी ढांचे (पावर इंफ्रास्ट्रक्चर) और हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश को प्राथमिकता देगा।
गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप इन राज्यों पर ध्यान देने के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा के लिए पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और 2030 तक 500 जीडब्ल्यू गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित बिजली प्राप्त करने के संबंध में देश की प्रतिबद्धता का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है। व्यवसाय अगले 3-5 साल में 20% से अधिक के सीएजीआर पर वृद्धि दर्ज करने का लक्ष्य रख रहा है, जो 765केवी तक के अतिरिक्त उच्च वोल्टेज पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट के अपने बढ़ते पोर्टफोलियो और सौर ऊर्जा तथा हरित ऊर्जा बुनियादी ढांचे में रणनीतिक निवेश से प्रेरित है।

कार्बन उत्सर्जन को कम करना

गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप के एनर्जी सॉल्यूशंस बिजनेस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और व्यवसाय प्रमुख, राघवेंद्र मिर्जी ने कहा, “जैसे-जैसे दुनिया स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ रही है, भारत के महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य अभूतपूर्व बदलाव के लिए मंच तैयार कर रहे हैं। गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप में, हमें प्रमुख राज्यों में पावर इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में अपने रणनीतिक निवेश के ज़रिए इस आंदोलन में योगदान करने पर गर्व है। ये राज्य 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम अपने नवोन्मेषी समाधानों और क्षमताओं के ज़रिये कार्बन उत्सर्जन को कम कर, ऊर्जा स्वतंत्रता को बढ़ावा देना और साथ ही भारत के भावी ऊर्जा परिदृश्य को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभाना चाहते हैं।”
महाराष्ट्र, उन राज्यों में शामिल है जिस पर इस घोषणा के तहत ध्यान दिया जाना है और यहां नवीकरणीय ऊर्जा संबंधी पहलों में भारी वृद्धि दर्ज हुई है। गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप ने हाल ही में महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) के साथ साझेदारी में धुले में 25 मेगावाट की एसी सौर परियोजना शुरू की है। यह व्यवसाय महाराष्ट्र में सबसे बड़े ग्रीनफील्ड 765/400 केवी जीआईएस में से एक को क्रियान्वित कर रहा है।

रूफटॉप सौर परियोजना

गुजरात ने 2030 तक 50% नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य के अनुरूप, जीईजी खावड़ा में 765केवी जीआईएस और 400केवी जीआईएस सबस्टेशन परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है। मध्य प्रदेश का भी लक्ष्य 2030 तक अपनी बिजली का 50% नवीकरणीय स्रोतों से पैदा करने का है, जिसमें सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस दृष्टिकोण के अनुरूप, जीईजी ने पहले ही मध्य प्रदेश में एक कपड़ा केंद्र में 12.5एमडब्ल्यूपी (MWp) की रूफटॉप सौर परियोजना स्थापित किया है, जो 1 मिलियन वर्ग फीट से अधिक के दायरे में फैली है। इस तरह यह भारत के सबसे बड़े इंस्टॉलेशन में से एक है और मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा इंस्टॉलेशन है।
गोदरेज ने राजस्थान के जयपुर में एक ऑटोमोबाइल कंपनी के लिए 5.2 मेगावाट से अधिक की रूफटॉप सौर परियोजनाओं को सफलतापूर्वक चालू किया है, और हरियाणा के गुड़गांव में रियल एस्टेट कंपनियों और मॉल के लिए 2 मेगावाट से अधिक की कई रूफटॉप इंस्टॉलेशन किए हैं। इसके अलावा, व्यवसाय जीडब्ल्यू-स्केल (GW-scale) सौर पार्कों से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से बिजली पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर ग्रीनफील्ड 765केवी एआईएस सबस्टेशन परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है, जो हरियाणा और राजस्थान दोनों में भारत के नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के प्रति समूह की प्रतिबद्धता को दृढ़ करता है।

सौर ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण

व्यवसाय के काम के दायरे में सौर ऊर्जा संयंत्रों के डिजाइन और निर्माण और नवीकरणीय ऊर्जा की कुशल निकासी सुनिश्चित करने के लिए 765केवी तक के सबस्टेशनों का निर्माण शामिल होगा। इसकी योजना ऊपर बताए गए पांच राज्यों में प्रमुख बिजली बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू करने की है, जो भारत में अधिकांश आरई (RE) परियोजनाओं में योगदान दे रहे हैं। जीईजी के एनर्जी सॉल्यूशंस की व्यावसायिक इकाई न केवल सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में योगदान देगी, बल्कि उच्च-वोल्टेज सबस्टेशनों के निर्माण में भी योगदान देगी, जिसमें अधिक जीडब्ल्यू (GW) पैमाने की नवीकरणीय परियोजनाओं के बिजली के पारेषण के लिए तैयार ट्रांसमिशन क्षमता होगी।
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