नईदिल्ली। मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन अब इस दुनिया में नहीं रहे, उन्होंने 73 साल की उम्र में अमेरिका के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। अपनी तबले की थाप पर दुनिया को झुमाने का मादा रखने वाले जाकिर हुसैन के निधन पर उनके प्रशंसकों को गहरा झटका लगा। उस्ताद जाकिर हुसैन उस्ताद अल्ला रक्खा खां के पुत्र थे। तबले की तालीम उन्होंने पिता से ही ली थी। उन्होंने महज 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया।
वह अपने प्रोफेसनल के प्रति इतने सजग रहे है कि तकरीबन 62 साल तक तबले की थाप पर लोगों को मोहित करते रहे। उन्होंने तीन ग्रैमी अवॉर्ड जीते। पद्म विभूषण से भी नवाजे गए। तबले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाई। उनके निधन की सूचना पर दिग्गजों ने सोशल मीडिया पर शोक जताया।
इन पुरस्कारों से नवाजे गए
उस्ताद जाकिर हुसैन न सिर्फ अपने पिता उस्ताद अल्ला रक्खा खां की पंजाब घराने (पंजाब बाज) की विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि तबले के शास्त्रीय वादन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ले गए। उस्ताद को संगीत की दुनिया का सबसे बड़ा ग्रैमी अवॉर्ड 1992 में ‘द प्लेनेट ड्रम’ और 2009 में ‘ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट’ के लिए मिला। इसके बाद 2024 में उन्हें तीन अलग-अलग संगीत एलबमों के लिए एकसाथ तीन ग्रैमी मिले। 1978 में जाकिर हुसैन ने कथक नृत्यांगना एंटोनिया मिनीकोला से शादी की थी। उनकी दो बेटियां हैं, अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी।
फिल्मों में भी अभिनय किया
1983 में जाकिर हुसैन ने फिल्म ‘हीट एंड डस्ट’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा। इसके बाद 1988 में ‘द परफेक्ट मर्डर’, 1992 में ‘मिस बैटीज चिल्डर्स’ और 1998 में ‘साज’ फिल्म में भी उन्होंने अभिनय किया।
इसे भी पढ़ें….
- संभल के एक मकान में मिले इतने गैस सिलेंडर, जिसे देख अधिकारियों के उड़े होष
- बरेली में पटरी पर खड़े होकर महिला ने रुकवाई ट्रेन, लोगों ने वीडियो बनाकर किया वायरल
- बहू के भाई से लड़ाया इश्क, पति ने रात में साथ देख लिया तो पांच साल के बेटे के सामने ईंट से कूचकर मार डाला