लखनऊ। यूपी के नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे मतदान से किसी को न तो सत्ता मिलने वाली है और न ही किसी की सत्ता जाने वाली लेकिन यह उपचुनाव भाजपा— सपा और बसपा के लिए नाक की लड़ाई बनी हुई है। हर कोई अधिक से अधिक सीट जीतकर अपनी ताकत का लोहा मनवाना चाहता है। पहली बार बसपा उपचुनाव के लिए मैदान में कूदी है। बसपा के मैदान में आने से न केवल सपा,बल्कि भाजपा को भी नुकसान हो रहा है। बसपा के प्रत्याशी सीधे— सीधे वोट काट रहे है।
करहल में बसपा का दाव सपा पर भारी
यूपी की सबसे चर्चित सीट करहल की तो यहां यादवों के वोट में बंटवारा तो सपा—भाजपा में हो रहा, लेकिन तीसरे सबसे बड़े वोट बैंक शाक्य को बांटने के लिए बसपा ने शाक्य प्रत्याशी को उतारकर तेज प्रताप की राह में कांटे बिछा दिए है। इस वजह से भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव को जीत की उम्मीद नजर आ रहे है, क्योंकि भाजपा ने यहां यादव जाति को उपजातियों में बांटकर चुनावी नैया पार लगाना चाहती है। दलित और शाक्य वोट यहां निर्णायक साबित होने वाले।
बसपा ने ऐसे बिगाड़ा खेल
बात करे सबसे पहल मझगवां सीट को तो यहां बसपा ब्राहृमण प्रत्याशी को उतारकर दीपक तिवार को उतारकर दोनों दलों को की राह में कांटा बिछाने का कार्य किया है। यहां एनडीए से शुचिस्मिता मौर्य तो सपा से ज्योति बिंद मैदान में है। इसी प्रकार फूलपुर सीट पर बसपा विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रही, लेकिन इस बार जातिगत कार्ड से उसने सपा की राह में कांटे बिछाए है। यहां मायावती ने जितेंद्र ठाकुर को तो सपा ने मोहम्मद मुज्तबा सिद्दीकी और दीपक पटेल ने टिकट दिया है, इसके साथ ही कांग्रेस के बागी पूर्व जिलाध्यक्ष भी मैदान में है। इसी तरह
मीरपुर सीट पर बसपा ने शाह नजर पर दाव लगाकर मुस्लिम कार्ड खेलकर सपा की साइकिल पंक्चर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
इस बार सपा से हाजी रिजवान, बीजेपी से ठाकुर रामवीर सिंह, बसपा से रफतउल्ला खान मैदान में हैं। कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में 65 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं, यहां भी बसपा ने सपा की चाल बिगाड़ दी। इसी तरह अन्य सीटों पर भी बसपा दोनों दलों की चाल बिगाड़ रही है, वहीं कई मुस्लिम बहुल्य सीटों पर ओवैसी की पार्टी भी खेला बिगाड़ रही है।
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