नईदिल्ली। इस्राइल ने दावा किया है कि उसने हिजबुल्लाके प्रमुख हसन नसरल्ला को मार गिराया है; इस्राइली सेना आईडीएफ ने शनिवार को घोषणा की है कि नसरल्ला शुक्रवार को बेरूत में हुए हवाई हमले में मारा गया। बता दें कि इस्राइल ने लेबनान में मौजूद हिजबुल्ला के मुख्यालय पर बड़े पैमाने पर हमले किए। इस्राइली सेना ने मुख्यालय को निशाना बनाकर हिजबुल्ला के प्रमुख सैयद हसन नसरल्ला को मारने की कोशिश की थी और अब दावा है कि नसरल्ला की मौत हो गई है। हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्ला पिछले तीन दशकों से लेबनानी सशस्त्र समूह का नेतृत्व कर रहा था, जिसने इसे दक्षिण एशिया के सबसे शक्तिशाली अर्धसैनिक समूहों में से एक बना दिया है।
यह हमला उस वक्त हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में दुनिया भर के नेता जुटे हुए हैं। महासभा में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हिजबुल्ला को नीचा दिखाने की चेतावनी दी और इसके बाद एक बड़े हमले की खबर आई। इस्राइली मीडिया ने कहा कि हमले में नसरल्ला ही निशाना था और हमले के वक्त वह मुख्यालय के इलाके में ही था।
ऐसे बना सबसे शक्तिशाली
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 64 वर्षीय नसरल्ला के नेतृत्व में हिजबुल्ला ने इस्राइल के खिलाफ कई युद्ध लड़े। इसके साथ ही नसरल्ला ने पड़ोसी सीरिया में संघर्ष में भाग लिया, जिससे राष्ट्रपति बशर अल-असद के पक्ष में शक्ति संतुलन बनाने में मदद मिली। कहा जाता है कि नसरल्ला ने हिजबुल्ला को इस्राइल को और कट्टर दुश्मन बना दिया और ईरान में शिया मजहबी नेताओं और हमास जैसे फलस्तीनी समूहों के साथ गठबंधन को मजबूत किया।
नसरल्ला अपने लेबनानी शिया अनुयायियों के बीच काफी मशहूर था। अरब और इस्लामी दुनिया के लाखों लोगों द्वारा सम्मानित नसरल्ला को सैय्यद की उपाधि दी गई। अमेरिका और पश्चिम के अधिकांश देश उसे एक उग्रवादी के रूप में देखते थे। अपनी ताकत के बावजूद नसरल्ला इस्राइली खतरों के डर से ज्यादातर समय छिपकर ही रहा।
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