बांग्लादेश में भय का माहौल, हिंदू और उनके संस्थान कट्टरपंथियों के निशाने पर ,क्रिकेट बोर्ड ने सेना से मदद मांगी

नईदिल्ली। पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट और अंतरिम सरकार के गठन के बाद भी हिंसा की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हर तरफ लूटपाट, तोड़फोड़ और हत्या की वारदातें हो रही हैं। इन सब के बीच सबसे ज्यादा परेशान अल्पसंख्यक और हिन्दुओं के धार्मिक स्थल और संस्थान है। इस बीच बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने सेना से सुरक्षा की गुहार लगाई है। शनिवार को दो हिंदू समूहों ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को पत्र लिखा और बताया है कि अल्पसंख्यकों को 52 जिलों में कम से कम 25 हमलों का सामना करना पड़ा है।संगठनों ने सुरक्षा की मांग की है।

सड़क पर उतरे हिंदू

अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के विरोध में लाखों हिंदुओं ने शनिवार को राजधानी ढाका में प्रदर्शन किया। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद ने मुहम्मद यूनुस को लिखे खुले पत्र में अल्पसंख्यकों पर हमलों के आंकड़े पेश किए जाने व सुरक्षा की मांग की है। एकता परिषद के तीन अध्यक्षों में से एक निर्मल रोसारियों ने कहा कि हम सुरक्षा चाहते हैं क्योंकि हमारा जीवन बहुत खराब स्थिति में है।उन्होंने यूनुस से आग्रह किया कि वे इस संकट को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर हल करें और हिंसा समाप्त करें। पत्र पर हिंदू बौद्ध परिषद के महासचिव राणा दासगुप्ता और पूजा उद्जापन परिषद के अध्यक्ष बासुदेव धर के हस्ताक्षर हैं। पत्र में यूनुस का स्वागत एक नए युग के नेता के रूप में किया गया, जो छात्रों और जनता के आंदोलन से पैदा हुआ है और जिसका उद्देश्य समतामूलक समाज और सुधार की स्थापना करना है।

अमेरिकी सांसद हिंदुओं के साथ

भारतीय मूल के दो अमेरिकी सांसदों राजा कृष्णमूर्ति और श्री थानेदार ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को रोकने के लिए अमेरिका से हस्तक्षेप करने की मांग की है। थानेदार ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को लिखे पत्र में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ वह अकेले नहीं हैं। वहीं, कृष्णमूर्ति ने कहा-अब जब मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली है, तो यह अत्यंत आवश्यक है कि अमेरिका हिंसा समाप्त कराने पर काम करे।

कई हिंदू मंदिरों को बनाया गया निशाना

हिंदू समुदाय के नेताओं के मुताबिक, 5 अगस्त को हसीना सरकार के गिरने के बाद से कई हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है। अल्पसंख्यकों, खासतौर पर हिंदुओं के घरों पर हमले किए गए हैं और तोड़फोड़ की गई है। महिलाओं पर भी हमले किए गए हैं। हिंदू संगठनों की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया है कि जब लोगों की जीत अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही है, हम दुःखी और भारी मन से देख रहे हैं कि एक स्वार्थी वर्ग अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ क्रूरतापूर्ण हिंसा करके इस उपलब्धि को धूमिल करने की साजिश रच रहा है। सांप्रदायिक हिंसा के चलते बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों में व्यापक भय, चिंता और अनिश्चितता है और इसके परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी निंदा हुई है।

इसे भी पढ़ें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Janhvi Kapoor ready to sizzle Manushi Chhillar is the new face of ‘Race 4’ Benefits of eating raw garlic Launch of Rasha from Azad ठंड में सर्दी -खांसी से बचाता है संतरा