गोदरेज अप्लायंसेज का ‘भारतीय घरों में एसी के उपयोग’ पर उपभोक्ता सर्वेक्षण, इस गर्मी में एसी का उपयोग और ऊर्जा बिलों में भारी वृद्धि हुई

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Godrej Appliances consumer survey on ‘AC usage in Indian homes’, huge increase in AC usage and energy bills this summer...
ये आंकड़े देश के विभिन्न भागों में गर्मी के मौसम में अभूतपूर्व वृद्धि और लू के थपेड़ों का प्रत्यक्ष परिणाम हैं।

बिजनेस डेस्क, मुंबई। गोदरेज एंड बॉयस की व्यावसायिक इकाई गोदरेज अप्लायंसेज ने ट्वेंटीफाई इंडिया के साथ संयुक्त रूप से उपभोक्ता सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की है। ‘भारतीय घरों में एसी के उपयोग’ पर आधारित इस सर्वे में कई दिलचस्प जानकारी सामने आई है। इस सर्वे में भारतीय घरों में एसी के उपयोग के पैटर्न, ऊर्जा बिलों पर इसके प्रभाव और रखरखाव प्रथाओं का अध्ययन किया गया।

सर्वे में शामिल 50% से अधिक उत्तरदाताओं ने बताया कि इस गर्मी में उनके घरों में एसी का उपयोग पिछले कुछ साल की तुलना में दोगुना (या उससे अधिक) हो गया है, जबकि लगभग 90% लोग इस बात से सहमत थे कि एसी का उपयोग कम से कम 1.5 गुना अधिक हुआ था। करीब दो तिहाई लोगों ने दावा किया कि पिछले दो वर्षों में उनके घर में लगाए गए एसी की संख्या में वृद्धि हुई है। ये आंकड़े देश के विभिन्न भागों में गर्मी के मौसम में अभूतपूर्व वृद्धि और लू के थपेड़ों का प्रत्यक्ष परिणाम हैं।

ऊर्जा की खपत कम

गोदरेज एंड बॉयस के हिस्से गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड और कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी के अनुसार, “इस साल भारत में एसी उद्योग पिछले साल की गर्मियों की तुलना में 1.5 गुना बढ़ा है। हमने खुद लगभग 2 गुना वृद्धि देखी है। हालांकि यह अप्लायंस उद्योग के लिए अच्छी खबर है, लेकिन हमें इस बात पर भी विचार करने की जरूरत है कि पर्यावरण के लिए इसका क्या मतलब है, आने वाले समय में ऊर्जा की मांग और घरेलू खर्चों पर इसका क्या असर होगा।

यह सर्वेक्षण ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए उच्च स्टार-रेटेड एसी को अपनाने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है, यह देखते हुए कि एक 5-स्टार 1.5 Tr एसी 3-स्टार एसी की तुलना में 25% तक ऊर्जा बचाता है। गोदरेज अप्लायंसेज भारत में उच्च गुणवत्ता वाले कूलिंग समाधानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही, पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ तरीके से ऐसा करने की आवश्यकता को भी पहचानता है।”

सर्वेक्षण में यह भी पता चला

  • 86% उपभोक्ताओं ने दावा किया कि वे अपने बढ़ते ऊर्जा बिलों को प्रबंधित करने के लिए कदम उठाने की कोशिश कर रहे हैं
  •  जिसमें एक ही कमरे में सोने वाले परिवार से लेकर कुछ घंटों में एसी बंद करने से लेकर एसी में ऊर्जा बचत मोड का उपयोग करना आदि शामिल है।
  •  65% उपभोक्ताओं ने बताया कि वे कम से कम एक एसी का उपयोग कर रहे हैं, जिसकी पिछले 1 वर्ष या उससे अधिक समय से सर्विसिंग नहीं हुई है, जबकि 26% उत्तरदाता केवल समस्या होने पर ही अपने एसी की सर्विसिंग कराते हैं। यह प्रथा दक्षिण में सबसे कम 20% देखी गई, जहां 65% ने दावा किया कि वे कम से कम एक वर्ष में एक बार अपने एसी की सर्विसिंग कराते हैं।
  • हर पांचवें उत्तरदाता ने इस बात पर सहमति जताई है कि उन्होंने कंपनी द्वारा अधिकृत तकनीशियनों के बजाय स्थानीय तकनीशियन से अपने एसी की सर्विसिंग करवाई है। इस तरह की घटनाएं पश्चिमी क्षेत्र में 23% के साथ अपेक्षाकृत अधिक हैं।
  • कमल नंदी आगे कहते हैं, “इस सर्वेक्षण से यह भी खुलासा हुआ है कि आज भी उपभोक्ताओं के बीच एसी रखरखाव के प्रति ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। इसको लेकर बहुत ज्यादा गैप है। गोदरेज अप्लायंसेज में, हम एयर कंडीशनर के नियमित रखरखाव और सर्विसिंग की मजबूती से वकालत करते हैं, क्योंकि इससे एसी का प्रदर्शन तो बढ़ता ही है, साथ में उसे लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है, उसकी टिकाऊ क्षमता बढ़ती है। इसके साथ ही ऊर्जा की खपत भी कम हो सकती है।”

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