नईदिल्ली। लोकसभा चुनाव का सात चरणों में मतदान पूरा हो गया। पूरे चुनाव भर नेताओं ने अपनी योजनाओं और विपक्ष की कमियों को मंच से उछालकर जमकर तालियां बटोरी। अब जनता ने किसके पक्ष में मतदान किया है, यह तो चार जून को ही स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन शनिवार शाम को चुनाव खत्म होने के बाद विभिन्न न्यूज और सर्वे एजेंसियों ने अपने —अपने एक्जिट पोल प्रसारित किए । यदि इस पर भरोसा करें तो एक बार फिर मोदी सरकार सत्ता में वापस दिख रही है, वहीं विपक्ष के पक्ष में कुछ नहीं देख रहा है। एक्जिट पोल देखकर ही विपक्ष के नेताओं के पसीने छूटने लगे है। अभी तक जो नेता सत्ता पक्ष के सफाए की बात कर रहे थे, उनके सुर बदलने शुरू हो गए।
एग्जिट पोल्स में एनडीए को प्रचंड बहुमत
बता दें कि जितने भी एक्जिट पोल आए है, अधिकतर में एनडीए के प्रचंड जीत मिल रही है।एनडीए गठबंधन अपने पिछले प्रदर्शन में सुधार करते हुए प्रचंड बहुमत हासिल करेगा। भाजपा ने 400 पार का नारा दिया था और एग्जिट पोल्स के नतीजों में एनडीए इस आंकड़े के आसपास दिख रहा है। वहीं विपक्ष के सारे दावे फेल होते नजर आ रहे है। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भाजपा इतिहास रचने जा रही है। भाजपा को हराने के लिए पिछले चुनाव में सपा ने बसपा के साथ गठबंधन किया था, इस बार कांग्रेस से लेकिन उसका यह प्रयास सफल होता नजर नहीं आ रहा है। पिछले चुनाव में तो बसपा को फायदा हुआ था, इस बार अगर कांग्रेस को फायदा होगा ते निश्चित रूप से सपा आगे किसी पार्टी से हाथ मिलाने से पहले सौ बार सोचेगी।
फिर उठेगा ईवीएम पर सवाल
मंगलवार को जैसे- जैसे चुनावी नतीजे सामने आएंगे अगर नतीजे एक्जिट पोल के अनुसार आए तो विपक्ष एक बार फिर ईवीएम को कसूरवार दिखाकर सरकार पर विभिन्न आरोप लगाकर एक बार फिर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग उठाने लगेंगे। वैसे बसपा लगातार ईवीएम की खिलाफत कर रही हैं, वह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रही है।
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