बरेली। बसपा ने बरेली लोकसभा सीट के समीकरण को उलझा दिया। गंगवार बाहुल्य इस सीट पर बीजेपी ने संतोष गंगवार की जगह छत्रपाल गंगवार को मैदान में उतारा है। वही इंडिया गठबंधन की तरफ से पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा ने लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने के लिए बरसों से कांग्रेसी रहे छोटेलाल गंगवार को मैदान में उतारा है। इससे गंगवार वोट में बंटवारा हो सकता है, इससे इंडिया गठबंधन को फायदा होने की उम्मीद है। वहीं छत्रपाल गंगवार से कार्यकर्ता मन से नहीं जुड़ पा रहे है। हालांकि ऐरन की तरह छोटेलाल गंगवार उतने लोकप्रिय नहीं है। मास्टर छोटेलाल इससे पहले सपा के टिकट पर वर्ष 1999 में भाग्य आजमा चुके हैं। तब उन्हें भाजपा के संतोष गंगवार से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
बसपा ने लड़ाई को बनाया पेचीदा
बरेली सीट के इतिहास पर नजर डाले तो पिछले पांच चुनाव में बसपा ने अकबर अहमद डंपी सहित चार मुस्लिम चेहरों पर भरोसा जताया था। वर्ष 2009 में कांग्रेस के प्रवीण सिंह ऐरन ने भाजपा से यह सीट छीनी थी। उस वक्त बसपा प्रत्याशी इस्लाम शाबिर ने सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार को पीछे धकेलते हुए तीसरा पायदान हासिल किया था। इससे पहले वर्ष 2004 में अकबर अहमद डंपी ने इस लोकसभा सीट पर बसपा की दमदार मौजूदगी दर्ज कराई थी। भाजपा ने आठ बार के सांसद रहे संतोष गंगवार का टिकट काटकर पूर्व विधायक छत्रपाल गंगवार को मैदान में उतारा है।
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